सतघरा के विद्यापति जीविका ने लिखी नई इबारत, राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित
मधुबनी। जिला के राजनगर प्रखंड की सतघरा पंचायत के वीओ यानी ग्राम संगठन विद्यापति जीविका महिला
मधुबनी। जिला के राजनगर प्रखंड की सतघरा पंचायत के वीओ यानी ग्राम संगठन विद्यापति जीविका महिला सहकारी समिति लिमिटेड ने बुलंदियों व विकास के साथ-साथ जीविकोपार्जन के क्षेत्र में एक नई इबारत लिख दी है। उद्यमिता व रोजगार सृजन के साथ समाज के सर्वांगीण विकास के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने के कारण इस ग्राम संगठन को राष्ट्रीय पहचान मिल गई है और आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा पुरुस्कृत किया जाएगा। हर्ष का विषय यह है कि नेशनल अवार्ड के लिए पूरे देश में कुल दस वीओ का चुनाव हुआ है, जिसमे सतघरा का उक्त ग्राम संगठन बिहार का एकलौता ऐसा ग्राम संगठन है जिसे वर्ष 2018-19 वास्ते राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा। मंत्रालय से जारी पत्र के अनुसार दीनदयाल अंत्योदय योजना अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण जीविकोपार्जन मिशन (एनआरएलएम) के तहत पुरस्कार कार्यक्रम नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होगा और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी मुख्य रूप से शिरकत करेंगे। कोरोना को देखते हुए सारा कार्यक्रम ऑनलाइन होगा। इधर, अपने ग्राम संगठन के राष्ट्रीय फलक पर पहला स्थान पाने के कारण मधुबनी जीविका जिला कार्यालय में हर्ष का माहौल है और आठ मार्च के पुरस्कार कार्यक्रम को देखते हुए एक वृहत कार्य योजना बनाई गई है। वीओ की सभी दीदियां यहीं से पुरस्कार कार्यक्रम में जुड़ेंगीं। कैसा है ग्राम संगठन विद्यापति जीविका : राष्टीय पुरस्कार के लिए चयनित उक्त ग्राम संगठन 11 अप्रैल 2012 को गठित किया गया था जो जुलाई 2017 में आकर निबंधित हुआ। इसकी अध्यक्षा किरण देवी हैं, जबकि उपाध्यक्षा कविता देवी। इसी तरह सचिव विमला देवी, उपसचिव रीता देवी, कोषाध्यक्ष कामिनी देवी हैं। कुल मिलाकर 20 स्वयं सहायता समूह यानी सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) की 253 महिलाएं सतघरा के विद्यापति जीविका महिला सहकारी समिति लिमिटेड की मेंबर हैं। एक एसएचजी में अमूमन 10-14 महिला सदस्य होती हैं। पुरस्कार मिलने की सूचना से सभी आह्लंादित व पुलकित हैं। विशिष्ट कार्य ने दिलाई राष्ट्रीय पहचान : जाहिर है कि कई एसएचजी मिलकर बने इस वीओ ने समाज के समेकित उन्नयन में मील का पत्थर गाड़ा है। एसएचजी को दिए गए आर्थिक ऋण का बहुआयामी उपयोग व उपभोग का मामला हो या ऋण वापसी का या फिर जीविकोपार्जन के लिए अपनाए जाने वाले समस्त प्लेटफार्म का मुद्दा हो, सभी के सभी मामले में इस वीओ ने उत्कृष्ट कार्य किया है। अपने स्थापना काल से ही इसके सदस्यों ने हमेशा समाज के चहुंमुखी विकास का नया पैमाना फिक्स किया है। जीविका रिकार्ड के मुताबिक वीओ के अधिकांश सदस्यों ने महिला पार्लर, सत्तू उत्पादन, किराना दुकान, सिलाई कढ़ाई के क्षेत्र से जुड़ कर अपने परिवार व समाज का न सिर्फ परिवेश बदल कर रख दिया है, बल्कि एक कदम और बढ़ाते हुए उन महिलाओं ने नया इतिहास लिख दिया जो इस सोच में हाथ पर हाथ रखकर बैठी है कि इस वैश्विक दौर में सामाजिक क्रांति नहीं लाई जा सकती है। इस उपलब्धि से मिलेगी नई उर्जा : डॉ. ऋचा मधुबनी जीविका की जिला परियोजना प्रबन्धक डॉ. ऋचा गार्गी इस नई उपलब्धि पर फुले नहीं समा रही हैं। कहती हैं कि सच्चे लगन व पक्के इरादे से वृहत सोच के साथ किया गया कार्य एक दिन अवश्य रंग लाता है। कहा कि देश स्तर पर पूरे राज्य में एकमात्र मधुबनी के वीओ को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना जाना यहां के हर नागरिक के लिए गौरव का विषय है और हमारी तमाम दीदियों के लिए गर्व का समय है। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में इस उपलब्धि से बेशक नई ऊर्जा मिलेगी।