मिथिला पेटिग वाले नई-नई वस्तुओं की बढ़ रही डिमांड

मधुबनी। मिथिला पेंटिग के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में मिथिला पेंटिग के

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 12:25 AM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 12:25 AM (IST)
मिथिला पेटिग वाले नई-नई वस्तुओं की बढ़ रही डिमांड
मिथिला पेटिग वाले नई-नई वस्तुओं की बढ़ रही डिमांड

मधुबनी। मिथिला पेंटिग के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में मिथिला पेंटिग के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इस दिशा में कलाकारों की तरक्की के लिए जितवारपुर के भास्कर कुलकर्णी हस्त कला आश्रम में प्रशिक्षण कार्य पूरा किया गया। जिसमें मधुवन मिथिला कला जीविका महिला उत्पादक समूह की कुल 35 कलाकारों ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण दे रही डिजाइनर श्वेता अग्रवाल ने बताया कि देश-दुनिया में मिथिला पेटिग वाले नई-नई वस्तुओं की डिमांड है। जितवारपुर की महिलाओं द्वारा तैयार की गई वस्तुएं की भारी मांग है। समूह की महिलाओं द्वारा तैयार की गई वस्तुओं को देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनी के माध्यम से प्रचार-प्रसार व बिक्री की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। अब तक साड़ी, सलवार सूट, दुपट्टा तक अपनी खूबसूरती बिखेर रहे मिथिला पेंटिग वाले अनेक वस्तुएं बनाने का कार्य शुरू कर दी है। रांटी गांव की मास्टर ट्रेनर रीता देवी ने बताया कि मिथिला पेंटिग कलाकारों को अतिरिक्त आमदनी के द्वार खुल गई है। मिथिला पेंटिग्स वाले वस्तुओं की तारीफ के साथ मांग बढ़ रही है। प्रशिक्षण लेने वालो में समूह की संगीता देवी, श्यामता देवी, इनू देवी, राजेश्वरी देवी, रीना देवी, राजकुमारी देवी, पूनम कुमारी, हेमा कर्ण, ललिता देवी, हिना देवी, नूनू देवी, चुनमुन देवी, नर्मदा देवी, रीता देवी, सुधीरा देवी, सुदीना, देवी सोनी देवी सहित अन्य शामिल है। आश्रम के सचिव कलाकार अमित कुमार झा ने बताया कि आश्रम में कलाकारों के लिए शौचालय, पेयजल सहित अन्य सुविधाओं की कमी बनी है। रुद्रपुर गांव में मिथिला पेंटिग प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ अंधराठाढ़ी। प्रखंड के रुद्रपुर गांव स्थित रुद्रपुर पुस्तकालय के कार्यकर्ताओं ने मिथिला पेंटिग प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ किया। इस केंद्र पर कला के प्रति रुचि रखने वाले लोगों को निश्शुल्क मिथिला पेंटिग सिखाया जाएगा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि मिथिला पेंटिग के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। खासकर महिलाएं इस कला में निपुण होकर आत्मनिर्भर हो रही हैं। अभाविप के आशुतोष मिश्रा ने कहा कि मिथिला पेंटिग की वजह से मधुबनी जिले में कई लोग पद्मश्री सम्मान पा चुके हैं। मिथिला चित्रकला के माध्यम से देश-विदेश में मधुबनी एक पहचान बना चुकी है। समाज के अंतिम पंक्ति की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण की शुरुआत की गई है। साथ ही यहां युवा भी प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे जो रोजगार से लेकर बैंकों से ऋण लेने में सहायक होगा। इससे ना केवल समाज अपनी संस्कृति के प्रति सजग होगा, बल्कि भविष्य में कुटीर उद्योग के बढ़ावा के लिए यह एक अच्छी पहल साबित हो सकती है। मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि इससे समाज की महिलाओं को आत्मनिर्भर होने का मौका मिलेगा और देश के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार करने में सहायक साबित होगा। मौके पर दीपक झा, रौशन मिश्रा, शैलेंद्र मिश्रा, विनय झा, रमन मिश्रा, गौरव मिश्रा, दीपक मिश्रा, विकाश ठाकुर, रंजन ठाकुर, भास्कर मिश्रा, विक्की झा, प्रदीप झा, गुड्डू झा, संदीप मिश्रा, दिवाकर मिश्रा समेत दर्जनों युवा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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