पांच सालों से नहीं हुई बांध की मरम्मत, एक दर्जन गांवों पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा

मानसून की दस्तक व रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश ने लोगों की चिता बढ़ा दी है। बेनीपट्टी प्रखंड क्षेत्र वर्षों से बाढ़ग्रस्त इलाका रहा है। हर साल बारिश का मौसम स्थानीय लोगों के लिए पीड़ा और दर्द देने वाला रहा है। इस बार भी बारिश शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही लोगों को बाढ़ का डर भी सताने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 11:11 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 11:11 PM (IST)
पांच सालों से नहीं हुई बांध की मरम्मत, एक दर्जन गांवों पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा
पांच सालों से नहीं हुई बांध की मरम्मत, एक दर्जन गांवों पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा

मधुबनी । मानसून की दस्तक व रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश ने लोगों की चिता बढ़ा दी है। बेनीपट्टी प्रखंड क्षेत्र वर्षों से बाढ़ग्रस्त इलाका रहा है। हर साल बारिश का मौसम स्थानीय लोगों के लिए पीड़ा और दर्द देने वाला रहा है। इस बार भी बारिश शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही लोगों को बाढ़ का डर भी सताने लगा है। यह डर इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि बाढ़ से जानमाल की सुरक्षा के लिए बनाए गए बांधों की स्थिति ठीक नहीं है। बेनीपट्टी प्रखंड के मलहामोड़ से सोईली तक क्षतिग्रस्त व जर्जर महराजी बांध की मरम्मत नहीं हो सकी है। इधर, नेपाल के जलअधिग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से नदियों के उफान पर आने की संभावना बढ़ गई है। लोगों की मानें तो नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया तो जानमाल की भारी क्षति हो सकती है। बांध के जर्जर होने से बाढ़ से सुरक्षा संदिग्ध हो गई है। ऐसे में अब लोगों को भगवान का ही भरोसा है।

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बांध कहां टूट जाए, कहना मुश्किल :

मलहामोड़ से सोईली तक छह किलोमीटर में महराजी बांध बना हुआ है। विगत पांच वर्षों से इस बाढ़ सुरक्षा बांध की मरम्मत नहीं हुई है। अधवारा समूह के धौंस एवं थुम्हानी नदी में उफान के साथ ही इस बांध पर दबाव बढ़ने लगता है। छह किलोमीटर लंबे इस बांध से करीब एक दर्जन गांवों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है, लेकिन इसके जर्जर रहने से इन गांवों पर खतरा मंडरा रहा है। बांध कहां टूट जाए, कहना मुश्किल है। ऐसे में बांध से सटे गांवों के लोगों की नींद अब उड़ चुकी है। वे प्रतिदिन नदी के जलस्तर का जायजा ले रहे हैं, ताकि समय रहते वे अपने परिवार के जानमाल की सुरक्षा की वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें।

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लोगों को डरा रहे बांध पर बने गड्ढे :

बांध पर जगह-जगह गड्ढे व भमरा नजर आ रहे हैं। जगह-जगह रैनकट व चूहा लगने से बाढ़ सुरक्षा बांध की स्थिति काफी कमजोर हो चुकी है। बाढ़ से बचाव के लिए बनाए गए सुरक्षा बांधों की मरम्मत नहीं होने से आगामी बाढ़ की आशंका से लोग भयभीत हैं। अगर बाढ़ आई तो तबाही मचनी तय है। क्षेत्र में हो रही बारिश ने लोगों की चिता को गंभीर कर दिया है। लोगों का कहना है कि सरकार व प्रशासन बाढ़ पूर्व बाढ़ से बचाव को लेकर तैयारी का दावा तो कर रही है, लेकिन बाढ़ सुरक्षा चक्र अभी भी अधूरा है। इस महत्वपूर्ण बांध की अब तक मरम्मत नहीं होना प्रशासन की तैयारियों पर सवालिया निशान लगा रहा है।

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मरम्मत नहीं होने से लोगों में आक्रोश :

बतौना गांव के पूर्व मुखिया प्रभात कुमार कर्ण, पूर्व सरपंच शौकत अली नूरी, आदित्यनाथ झा, रामचन्द्र यादव, जटाशंकर भंडारी, शंभु भंडारी, जितेन्द्र भंडारी, सहदेव ठाकुर, महेन्द्र मंडल ने बताया कि मलहामोड़ से सोईली तक बाढ़ सुरक्षा महराजी बांध की विगत पांच सालों से मरम्मत नहीं हुई है। बांध से सटे गांव के लोगों में काफी आक्रोश है। बांध जर्जर व क्षतिग्रस्त हो गया है। बांध पर जगह-जगह खतरा बरकरार है। प्रशासन को जल्द से जल्द बांध की मरम्मत करा लोगों की सुरक्षा के उपाय करने चाहिए।

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