बच्चों के हित की अनदेखी से नहीं मिलता योजनाओं का लाभ

आज देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा। बच्चों के अधिकार को लेकर सरकारी स्ता पर योजनाएं बनती रही है। उसे धरातल पर उतारने के दिशा में आवाज बुलंद होता रहा है। लेकिन सरकारी स्तर पर बच्चों के हित में संचालित कई योजनाओं का लाभ ससमय नहीं मिल पा रहा है। इन योजनाओं को लागू करने में पारदर्शिता की कमी से बच्चों का हित नही हो रहा है। बच्चों के लिए सरकारी स्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 10:43 PM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 10:43 PM (IST)
बच्चों के हित की अनदेखी से नहीं मिलता योजनाओं का लाभ
बच्चों के हित की अनदेखी से नहीं मिलता योजनाओं का लाभ

मधुबनी। प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस को आज बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा। बच्चों के अधिकार को लेकर सरकारी स्तर पर योजनाएं बनती रही हैं। उसे धरातल पर उतारने की दिशा में आवाज बुलंद होता रहा है। लेकिन, सरकारी स्तर पर बच्चों के हित में संचालित कई योजनाओं का लाभ ससमय नहीं मिल पा रहा है। इन योजनाओं को लागू करने में पारदर्शिता की कमी से बच्चों का हित नही हो रहा है। बच्चों के लिए सरकारी स्तर पर आठवीं तक निश्शुल्क पुस्तक देने की योजना का ससमय लाभ नहीं मिल रहा है। स्कूलों में पुस्तकों का वितरण महीनों बाद मिलता है। कुपोषण रोकने के लिए एमडीएम संचालित है। स्कूलों में नियमित रूप से संचालन नही होने से इसके लाभ से बच्चों को वंचित होना पड़ रहा है। स्कूली बच्चों के लिए प्रोत्साहन, छात्रवृत्ति योजना की हालत भी ठीक नहीं है। बच्चों को नियमित रूप से प्रोत्साहन, छात्रवृत्ति, पोशाक, साइकिल राशि नहीं मिल रही है। बाल दिवस पर विविध कार्यक्रम आज

बाल दिवस पर सरकारी, गैर सरकारी स्तर पर आज जिला मुख्यालय सहित जिले के कई हिस्सों में प्रभात फेरी निकाली जाएगी। वहीं शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों पर बच्चों के बीच खेलकूद, प्रतियोगिता समेत विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर स्थानीय कांग्रेस कार्यालय में जयंती समारोह आयोजित किया जाएगा।

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'बाल अपराध की बढ़ रही घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए स्कूलों में नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत है। बाल अपराध को रोकने के लिए स्कूली शिक्षा के दौरान बच्चों के हरेक गतिविधियों पर गौर करने की जरूरत है।'

- अपर्णा झा, छात्रा

'बाल दिवस पर बच्चों के अधिकार और उसकी खुशियों का संरक्षण की बात होती है। मगर, शहर में अबतक बच्चों के लिए एक मात्र रामेश्वरी लता शिशु उद्यान का जीर्णोद्धार नहीं हो सका है। उद्यान एक दशक से वीरान पड़ा है।'

- ओम शुभम, छात्रा

'बच्चों को बाल दिवस का बेसब्री से इंतजार होता है। इस दिन बच्चों को विविध प्रतियोगिता के दौरान अपने प्रतिभा को सामने लाने का अवसर भी मिलता है। इस दिन बच्चों के हित संबंधी योजनाओं की पड़ताल किया जाना चाहिए।'

- मो. जमील, छात्र

'बाल दिवस पर बच्चों के हित की बात की जाती है। लेकिन, दिवस के दूसरे दिन से ही बच्चों के हित की अनदेखी शुरू हो जाती है। बच्चों के विकास संबंधी योजनाओं को लागू करने के लिए पारदर्शिता बरतने की जरूरत है।'

- गोपी कुमार, छात्र

'बाल अपराध रोकने का धरातल पर कोई खास असर नहीं दिख रहा है। इस दिशा में समाज के सभी लोगों को इस पर गंभीरता से चितन कर बच्चों को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। स्कूलों में अनुशासन के लिए बच्चों को संवेदनशील बनाना चाहिए।'

- शंभू कुमार वर्मा, शिक्षक

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