आपात स्थिति के दौरान चिकित्सक, नर्स व स्वास्थ्य कर्मी के अवकाश पर रोक : डीएम

मधुबनी । जिला पदाधिकारी अमित कुमार की अध्यक्षता में बाढ़ एवं जलजमाव की समस्याओं आपदा से उत्पन्न स्थिति और आपदा जोखिम को न्यूनीकरण करने के लिए जिला स्तरीय पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक हुई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 11:08 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 11:08 PM (IST)
आपात स्थिति के दौरान चिकित्सक, नर्स व स्वास्थ्य कर्मी के अवकाश पर रोक : डीएम
आपात स्थिति के दौरान चिकित्सक, नर्स व स्वास्थ्य कर्मी के अवकाश पर रोक : डीएम

मधुबनी । जिला पदाधिकारी अमित कुमार की अध्यक्षता में बाढ़ एवं जलजमाव की समस्याओं, आपदा से उत्पन्न स्थिति और आपदा जोखिम को न्यूनीकरण करने के लिए जिला स्तरीय पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक हुई। यह बैठक समाहरणालय सभागार में हुई। बैठक के दौरान डीएम ने आपदा जनित जोखिम को न्यूनतम करने में सहायता के लिए सभी विभागों के पदाधिकारियों को उनके कार्य एवं दायित्व से अवगत कराते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। पदाधिकारियों को टास्क भी सौंपा। इस बैठक में अपर समाहत्र्ता, सिविल सर्जन, प्रभारी पदाधिकारी-जिला आपदा प्रबंधन शाखा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी सह जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, सहायक निदेशक-जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, कार्यपालक अभियंता-पीएचईडी आदि मौजूद थे। -------------------

पंचायत स्तर तक हो कीटनाशक व खाद की आपूर्ति : जिला पदाधिकारी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिला कृषि पदाधिकारी बाढ़ के समय कृषि संयंत्रों, बीज, खाद आदि को सुरक्षित जगह पहुंचाने के लिए संबंधित कमेटी के साथ समन्वय स्थापित करें। बीज और खाद का भंडारण सुरक्षित जगहों पर कराकर प्रखंड कृषि पदाधिकारी निश्चित रूप से किसानों को तकनीकी जानकारी मुहैया कराएं। जिला से प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर नियमित रूप से कीटनाशक एवं खाद की आपूर्ति हो। जिला पशुपालन पदाधिकारी मवेशियों एवं चारा को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के लिए संबंधित ग्राम पंचायत आपदा प्रबंधन कमेटी और सामुदायिक स्तर की स्वास्थ्य एवं खोज व बचाव कमेटी के साथ समन्वय स्थापित करें। पशुओं के लिए पर्याप्त चारा, दवा आदि की आपूर्ति सुनिश्चित कराएं।

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आपात स्थिति के लिए करें अनाज का भंडारण : डीएम ने कहा कि अगर स्कूल भवन या परिसर क्षतिग्रस्त हो गया हो या उसका इस्तेमाल राहत अथवा पुनर्वास केन्द्र के रूप में हो रहा हो तो आपात स्थिति के सभी चरणों में पढ़ाई के लिए जगह की वैकल्पिक व्यवस्था जिला शिक्षा पदाधिकारी सुनिश्चित करेंगे। जरूरत के अनुसार राहत एवं पुनर्वास केन्द्र के रूप से इस्तेमाल किए जाने के लिए स्कूल, कॉलेज को स्थानीय प्रशासन को सौपेंगे। जिला आपूर्ति पदाधिकारी आपात स्थिति के हालात में गोदामों, जन वितरण प्रणाली की दुकानों व भंडारण के दूसरे जगहों की सुरक्षा से संबंधित चौकसी को प्रचारित कराएंगे।

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जलापूर्ति ध्वस्त होने पर टैंकरों से करें पेयजल आपूर्ति : सिविल सर्जन वाहन, फ‌र्स्ट एड बॉक्स, आवश्यक दवाओं की किट्स, प्रसव किट्स और चिकित्सकीय साज-सामान, स्ट्रेचर आदि पर्याप्त रूप से उपलब्ध कराएंगे। आपात स्थिति के दौरान कोई डॉक्टर, नर्स या स्टाफ छुट्टी पर नहीं जाएंगे। कार्यपालक अभियंता-पीएचईडी जरूरत के अनुसार चापाकल, नलकूप, कुंआ जैसे पेयजल के उपयुक्त श्रोतों की पहचान सुनिश्चित करेंगे। आपदा प्रभावित इलाके में जलापूर्ति व्यवस्था ध्वस्त या क्षतिग्रस्त हो गई हो तो वहां टैंकरों से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करायेंगे। सहायक निदेशक-सामाजिक सुरक्षा कोषांग निश्शक्त लोगों, बूढ़ों और निसहायों के लिए वास, भोजन एवं शरणस्थली की व्यवस्था करायेंगे। दिव्यांग व्यक्तियों कि सूची तैयार करेंगे, ताकि आपदा के समय चिह्नित दिव्यांगों को आपदा से बचाव में किसी प्रकार की परेशानी न हो। जिला परिवहन पदाधिकारी राहत, बचाव और राहत सामग्रियों की ढुलाई आदि के लिए प्रशासन को आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में वाहन उपलब्ध करायेंगे। आपात समय में वाहन इस्तेमाल के लिए ड्राइवर, कंडक्टर, वाहनों की अद्यतन सूची उपलब्ध कराएंगे। जिला सूचना एवं जनसम्पर्क पदाधिकारी हर दिन मौसम के संबंध में जिलेवासियों को सूचना दिलाएंगे एवं इस संबंध में प्रेस बुलेटिन जारी कराएंगे।

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