नल-जल योजना राशि निकासी के बाद भी कार्य अधूरा रहने पर होगी कार्रवाई : डीएम

मधुबनी । जिला पदाधिकारी अमित कुमार ने जांच दलों के अधिकारियों संग बैठक कर खुटौना प्रखंड के सभी पंचायतों के नल-जल योजना संबंधी जांच रिपोर्ट की समीक्षा की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 10:26 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 10:26 PM (IST)
नल-जल योजना राशि निकासी के बाद भी कार्य अधूरा रहने पर होगी कार्रवाई : डीएम
नल-जल योजना राशि निकासी के बाद भी कार्य अधूरा रहने पर होगी कार्रवाई : डीएम

मधुबनी । जिला पदाधिकारी अमित कुमार ने जांच दलों के अधिकारियों संग बैठक कर खुटौना प्रखंड के सभी पंचायतों के नल-जल योजना संबंधी जांच रिपोर्ट की समीक्षा की। इस क्रम में डीएम ने मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना से संबंधित कार्यों की अद्यतन स्थिति का जायजा लिया। समीक्षा के क्रम में डीएम ने निर्देश दिया कि वैसे सभी पंचायतों एवं वार्डों की सूची तैयार करें जिनमें प्राक्कलित राशि की पूर्ण निकासी कर ली गई है, लेकिन कार्य अपूर्ण है या फिर कार्य पूर्ण होते हुए भी जल की आपूर्ति नहीं हो रही है। डीएम ने कहा कि ऐसे सभी पंचायतों व वार्डों से संबंधित मुखिया, पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक एवं वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के विरुद्ध विधि सम्मत एवं नियमानुकूल अन्य कार्रवाई भी की जाएगी। समीक्षा बैठक में अपर समाहर्ता अवधेश राम, उप विकास आयुक्त अजय कुमार सिंह, जिला पंचायत राज पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी (जिला गोपनीय शाखा), बेनीपट्टी के अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, नजारत उप समाहत्र्ता, वरीय उप समाहर्ता व सहायक अभियंता आदि मौजूद थे। तीन दिनों में रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश : जिला पदाधिकारी ने समीक्षा के दौरान पाया कि जांच पदाधिकारी ने अपने-अपने जांच रिपोर्ट में नल-जल योजनाओं का भौतिक निरीक्षण का उल्लेख तो किया है, लेकिन अभिलेख पूर्ण एवं संधारित नहीं होने के कारण अभिलेखीय जांच नहीं किए जा सकने की बात कही है। लिहाजा जिला पदाधिकारी ने खुटौना के प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी को सभी ग्राम पंचायतों के लेखापाल सह आइटी सहायक, तकनीकी सहायक एवं पंचायत सचिव के सहयोग से तीन दिनों के अंदर अभिलेख पंजी, मापी पुस्तिका, योजना कार्य संबंधी सभी रिपोर्ट को प्रखंड के टीसीपी भवन में तैयार कराने का निर्देश दिया है। डीएम ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि तीन दिनों के उपरांत उन सभी पंचायतों के वार्डों का पुन: स्थल एवं अभिलेखीय जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। तकनीकी सहायक की संविदा होगी रद : जिला पदाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी नल-जल योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने एवं राशि गबन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन पर पंचायती राज अधिनियम 2006 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिन वार्डों में कार्य पूर्ण होने के बावजूद एमबी पूर्ण नहीं है और नियमित जलापूर्ति नहीं हो रही है, वहां के तकनीकी सहायक को दोषी मानते हुए उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करते हुए संविदा रद की जाएगी। जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दे रखा है कि तकनीकी सहायक प्रतिदिन पांच वार्डों का निरीक्षण करेंगे एवं वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति की सहायता से निरंतर जलापूर्ति सुनिश्चित करेंगे। मापी पुस्त भी तैयार करेंगे। बीडीओ से नल-जल मामले में शोकॉज : खुटौना के बीडीओ ने 18 जून की रिपोर्ट में खुटौना प्रखंड के 10 वार्डों में राशि के अभाव में नल-जल योजना पूर्ण नहीं होने का जिक्र किया था। जबकि, दो जुलाई के रिपोर्ट के माध्यम से खुटौना प्रखंड के 12 वार्डों में नल-जल योजना के लिए राशि की अधियाचना की गई। इस मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए डीएम ने इनसे जवाब-तलब भी किया है। हर पंचायत की जांच के लिए बनी थी टीम :

बता दें कि डीएम ने खुटौना प्रखंड के सभी पंचायतों में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के क्रियान्वयन की धरातल पर भौतिक जांच के लिए जांच टीम का गठन किया था। सभी 18 पंचायतों के लिए दो-दो सदस्यीय जांच टीम का गठन पंचायतवार किया था। प्रत्येक जांच टीम में प्रशासनिक पदाधिकारी के रूप में विभिन्न प्रखंडों के एक वरीय प्रभारी पदाधिकारी एवं तकनीकी पदाधिकारी के तौर पर विभिन्न विभागों के एक सहायक अभियंता शामिल हैं। डीएम ने आदेश पर जांच टीम बीते 17 जुलाई को खुटौना प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में नल-जल योजनाओं की स्थलीय जांच शुरू हुई।

chat bot
आपका साथी