23 एंबुलेंस से चल रहा काम, कैसे कोरोना से लड़ी जाएगी जंग

मधेपुरा। दूसरी लहर में हुई परेशानी के बाद भी स्वास्थ्य विभाग सीख नहीं ली। फलाफल एंबुलेंस की संख्या में अब तक बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। सामान्य हालत में जिले को 60 एंबुलेंस की जरूरत होती है लेकिन वर्तमान में मात्र 23 एंबुलेंस के सहारे जिला है। ऐसे में संभावित कोरोना के तीसरी लहर से कैसे निपटा जाएगा। यह इस स्वास्थ्य विभाग ने अब तक कोई खास इंतजाम नहीं की है। इस स्थिति में लोगों को फिर से निजी वाहनों का ही सहारा लेना पड़ सकता है। वर्तमान समय में जिले में मात्र 23 एंबुलेंस ही उपलब्ध है। जबकि अस्पतालों की संख्या को देखा जाय तो इतने कम एंबुलेंस से परेशानी होती है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 11:59 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 11:59 PM (IST)
23 एंबुलेंस से चल रहा काम, कैसे कोरोना से लड़ी जाएगी जंग
23 एंबुलेंस से चल रहा काम, कैसे कोरोना से लड़ी जाएगी जंग

मधेपुरा। दूसरी लहर में हुई परेशानी के बाद भी स्वास्थ्य विभाग सीख नहीं ली। फलाफल एंबुलेंस की संख्या में अब तक बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। सामान्य हालत में जिले को 60 एंबुलेंस की जरूरत होती है, लेकिन वर्तमान में मात्र 23 एंबुलेंस के सहारे जिला है। ऐसे में संभावित कोरोना के तीसरी लहर से कैसे निपटा जाएगा। यह इस स्वास्थ्य विभाग ने अब तक कोई खास इंतजाम नहीं की है। इस स्थिति में लोगों को फिर से निजी वाहनों का ही सहारा लेना पड़ सकता है। वर्तमान समय में जिले में मात्र 23 एंबुलेंस ही उपलब्ध है। जबकि अस्पतालों की संख्या को देखा जाय तो इतने कम एंबुलेंस से परेशानी होती है। दूसरी लहर में हुई थी परेशानी कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकारी एंबुलेंस की कमी के कारण निजी एंबुलेंस चालक ने ही गंभीर कोरोना संक्रमित मरीजों को पटना या दरभंगा पहुंचाया था। इस दौरान मनमाना भाड़ा वसूल किया गया था। लोगों ने मजबूरी में निजी एंबुलेंस का सहारा लिया था। इस स्थिति के बाद भी स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में पहल नहीं किया। फलाफल आज भी स्थिति यहीं है। तीसरी लहर आने पर दिक्कत होगी।

अस्पतालों में सड़ रही हैं एंबुलेंस

कई अस्पतालों में खराब एंबुलेंस सड़ रहा है। इसे ठीक कराने के दिशा में प्रयास नहीं किया जा रहा है। जिले में एक एंबुलेंस मेडिकल कालेज, एक जिला अस्पताल, एक अनुमंडल अस्पताल व 13 पीएचसी सहित 28 अतितिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का कामकाज के लिए 23 एंबुलेंस ही उपलब्ध है। वहीं तीन एंबुलेंस फिलहाल खराब पड़ा हुआ है। लेकिन सरकार जिले को एंबुलेंस की आपूर्ति नहीं कर रही है। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। कोट जिले में एंबुलेंस की कमी है। एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। फिलहाल जिले में उपलब्ध 23 एंबुलेस से अस्पतालों के काम चलाया जा रहा है। -डा. अमरेंद्र नारायण शाही, सिविल सर्जन, मधेपुरा

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