प्रतिदिन सात लाख रुपये के राजस्व का हो रहा नुकसान

मधेपुरा। राज्य में नए निबंधन कानून लागू होने के बाद कई चुनौतियों से लोगों को सामना करना प

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 02:11 AM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 02:11 AM (IST)
प्रतिदिन सात लाख रुपये के राजस्व का हो रहा नुकसान
प्रतिदिन सात लाख रुपये के राजस्व का हो रहा नुकसान

मधेपुरा। राज्य में नए निबंधन कानून लागू होने के बाद कई चुनौतियों से लोगों को सामना करना पड़ रहा है।

नया कानून के लागू होने से जमीन निबंधन कराने वालों की संख्या नदारद दिख रही है। इस वजह से निबंधन कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहता है। नए निबंधन प्रणाली के वजह से उदाकिशुनगंज में औसतन प्रतिदिन सात लाख रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है। नए नियम के लागू होने के बाद एक सप्ताह का आंकड़ा काफी चौकाने वाला है। यद्यपि अधिकारी का मानना है कि लोगों में जागरूकता आने के बाद राजस्व का रफ्तार फिर से पटरी पर आ जाएगा। इसके लिए वक्त लगेगा। आंकडों पर गौर करें तो इस महीने के 10 अक्टूबर तक 75 लाख 61 हजार पांच सौ आठ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई। जबकि 10 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक महज नौ लाख 16 हजार 44 रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई। यह आंकड़ा नियम बनने के एक सप्ताह के बाद का है।

नया नियम 10 अक्टूबर को लागू हुआ। नियम लागू होने के पहले दिन महज एक निबंधन हो पाया था। नियम बनने के एक सप्ताह में 34 दस्तावेजों का निबंधन हुआ। जबकि नियम बनने के पहले प्रतिदिन 40 से 50 दस्तावेज निबंधित हुआ करता था। पहले और वर्तमान के आंकड़ों पर गौर करें तो विभाग को औसतन प्रतिदिन करीब सात लाख रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है। एक सप्ताह में हुए 34 निबंधन नियम बनने से पहले इस माह के 9 दिनों में 219 और नियम बनने के बाद सात दिनों में 34 दस्तावेज निबंधित हो पाया। यह आंकड़े चौक्काने वाले है। पहले और अब के आंकड़े में आसमान और जमीन का फर्क नजर आ रहा है। जबकि नियम बनने से पहले तक औसतन प्रतिदिन 40 से 50 दस्तावेज निबंधित हुआ करते थे। इसको लेकर मंगलवार को भूमि सुधार राजस्व विभाग के प्रधान सचिव ने जिले के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फेंसिग की। जिसमें प्रधान सचिव ने आवश्यक निर्देश दिए। वहीं स्थानीय अधिकारियों ने जमीन निबंधन को लेकर आ रही दिक्कतें की बात बताया। लक्ष्य पाने की है दरकार, कैसे पूरी होगी सरकार:

उदाकिशुनगंज अवर निबंधन कार्यालय में इस महीने करीब दो करोड़ राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य तय है। अधिकारी के मुताबिक इस महीने एक करोड़ 95 लाख राजस्व के लक्ष्य तय किए गए हैं। एक से 16 अक्टूबर तक 75 लाख 61 हजार पांच सौ आठ ाुरुपये ही राजस्व की प्राप्ति हुई है। राजस्व प्राप्ति का औसत महज 38.78 प्रतिशत है। प्रति दस्तावेज 29 हजार 887 रुपया आय है। इसमें लक्ष्य प्राप्ति को लेकर संशय है। नोटिश बोर्ड पर चिपकाया गया गजट: नियम के अनुपालन को लेकर कार्यालय की दीवार पर नोटिस चिपका दिया गया है। जिसके माध्यम से आमजन एवं दस्तावेज नवीसों को सूचना दी गई है कि जमीन अंतरणकर्ता के नाम से जमाबंदी कायम रहने से संबंधित कागजात वाले दस्तावेज ही निबंधन के लिए प्रस्तुत करें। साथ ही जमाबंदी से संबंधित अद्यतन रसीद भी दस्तावेज के साथ संलग्न करना आवश्यक बताया गया है। यह भी कहा है कि जमाबंदी रसीद में अंकित खेसरा एवं रकबा का ही अंतरण किया जा सकेगा। वही जमीन निबंधन के नए नियम लागू होने के कारण दस्तावेज नवीसों के समक्ष भी बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दस्तावेज नवीस सुनील कुमार गुप्ता,मुन्ना गुप्ता मु.कलीम उद्दीन, विभाकर कुमार, रजनीकान्त ठाकुर आदि ने कहा कि जमीन की खरीद बिक्री के लिए लोगों का आना-जाना बंद हो गया है। नए नियम के तहत लोगों के पास पूर्ण कागजात उपलब्ध नहीं होने कारण यहां आने वाले लोगों की जमीन की खरीद- बिक्री नहीं हो पा रही है।

कोट नए जमीन निबंधन कानून लागू होने से परेशानियां सामने आ रही है। इस वजह निबंधन में कमी आई है। यद्यपि सरकार के द्वारा लागू किए गए नियम का अनुपालन जरूरी है। नए नियम से लोगों को अवगत कराया जा रहा है। नियम को लेकर लोगों में जागरूकता और प्रचार प्रसार की जरूरत है। -राजीव रंजन, अवर निबंधन पदाधिकारी, उदाकिशुनगंज, मधेपुरा

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