कीचड़युक्त सड़क पर चलने के लिए लोग मजबूर, विभाग बेखबर

मधेपुरा। मानसून की पहली बारिश ने गांवों की सड़कों की पोल खोल कर रख दी है। सरकार हर टोले व वार्ड की पक्की सड़क से जोड़ने की बात कह रही है। वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 11:41 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 11:41 PM (IST)
कीचड़युक्त सड़क पर चलने के लिए लोग मजबूर, विभाग बेखबर
कीचड़युक्त सड़क पर चलने के लिए लोग मजबूर, विभाग बेखबर

मधेपुरा। मानसून की पहली बारिश ने गांवों की सड़कों की पोल खोल कर रख दी है। सरकार हर टोले व वार्ड की पक्की सड़क से जोड़ने की बात कह रही है। वहीं, जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।

क्षेत्र में बरसात के आने से पहले ही यहां के लोगों को आवागमन बाधित होने का डर सताने लगा है। प्रखंड के लोग आवागमन की समस्या से जूझ कर जर्जर सड़क पर चलने को विवश हैं। बेलोखरी से जागीर, जयपुरा और परमानपुर गांव से होकर परमानपुर ओपी को जोड़ने वाली मुख्य कच्ची सड़क की हालत खराब है। लगभग पांच किलोमीटर लंबी सड़क पर बाइक व चार पहिया सवारी की बात तो दूर पैदल चलने में भी परेशानी होती है। पांच किलोमीटर पर है कीचड़ बरसात शुरू होते ही सभी कच्ची सड़कों पर तीन तक पानी जमा हो जाता है। पानी के साथ कीचड़ के कारण लोग पैदल भी सड़क पर चलने से कतराते हैं। मजबूरी में उन्हें इसी कीचड़युक्त सड़क पर चलना पड़ता है। इससे 20 हजार से अधिक की आबादी का आवागमन कच्ची सड़क से प्रभावित हो रहा है।

कई गांवों को जोड़ती है यह सड़क कई गांवों को जोड़ने वाली इस सड़क की स्थिति नारकीय बनी हुई है। प्रतिदिन सैकड़ों लोग सफर करते हैं। दिनभर वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। फिर भी किसी को इसकी सुध लेने की फुर्सत नहीं है। सड़क में जगह-जगह बने गढ्डे व उबड़-खाबड़ सड़क इसकी जर्जरता को खुद बया करती है। सड़क जर्जर होने के कारण दोपहिया व छोटे वाहन चालकों को तो भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से लगा चुके हैं गुहार ग्रामीणों का कहना है कि सड़क का पुनर्निर्माण और पक्कीकरण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीण वार्ड सदस्या सुलोचना देवी, बॉल बैडमिटन चैंपियनशिप के राष्ट्रीय खिलाड़ी दीपक प्रकाश रंजन, विकास अकेला, सुमन यादव, सुभाषचंद्र, भूपेंद्र यादव, रमेश यादव, पिटू यादव,आदि ने बताया कि प्रखंड मुख्यालय हो या हाट बाजार जाने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता है। बरसात में जलजमाव और कीचड़ को लेकर यहां के ग्रामीणों को लगभग पांच किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है।

कोट जर्जर और कच्ची सड़क से जिला मुख्यालय को अवगत करा दिया गया है। निर्देशानुसार मरम्मत कराई जाएगी। -आर्य गौतम, प्रभारी बीडीओ,

घैलाढ़

chat bot
आपका साथी