बर्बाद फसल का मुआवजा दे सरकार : विधायक
मधेपुरा । बारिश से किसानों की फसल तबाह हो गई है। किसानों ने बड़ी उम्मीदें पाल रखी थी क
मधेपुरा । बारिश से किसानों की फसल तबाह हो गई है। किसानों ने बड़ी उम्मीदें पाल रखी थी की फसल पकने के बाद कर्जा चुकाएंगे। लेकिन एक झटके में बारिश ने अरमान पर पानी फेर दिया है। कोसी व सीमांचल की धरती पहले से ही मजदूरों के पलायन के दर्द से कराह रही थी। ऊपर से अप्रत्याशित बेमौसम की बरसात के बाद हर तबके के लोगों पर बुरा असर पड़ेगा। पूरी तरह बर्बाद हो चुके किसानों के लिए अविलंब बिहार सरकार को आपदा प्रबंधन विभाग के तय मानक से अधिक मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए। उक्त बातें पूर्व आपदा प्रबंधन मंत्री सह विधायक प्रो.चंद्रशेखर ने कही। उन्होंने कहा कि महंगाई बेलगाम है। ऊपर से लाखों का कर्जा लेकर खेती करने वाले किसान तबाह हो गए हैं। पूर्व मंत्री ने कहा कि डीजल का रेट 100 के पार है। खाद बीज का दाम काफी बढ़ चुका है। किसानों ने लाखों रुपया कर्ज लेकर इस आसरे के साथ खेती की कि फसल बेचकर सभी का कर्जा चुका देंगे। दीपावली व छठ के अवसर पर घर के बच्चों के लिए कपड़ा लेंगे। अगली खेती की व्यवस्था करेंगे। लेकिन पकी हुई फसल प्रलयंकारी बारिश से बर्बाद हो गई है। बिहार सरकार तुरंत किसानों के लिए उचित मुआवजे की घोषणा करें। अन्यथा सड़क से सदन तक राजद के नेतृत्व में महागठबंधन निर्णायक लड़ाई लड़ेगा। कृषि कानून के माध्यम से खेत छीनना चाहती है सरकार
पूर्व मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा किसान जो नहीं मांग रहे हैं उन पर जबरदस्ती तो काला कृषि कानून लाकर केंद्र सरकार अंबानी अडानी के हवाले किसानों की जमीन करना चाहती है। हिमाचल प्रदेश में कौड़ियों के भाव से सेव खरीद कर बाजार में इतना महंगा बेचना इसकी शुरूआत भर है। आखिरकार किसान अगर कह रहे हैं कि फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करके यह कानून बनाया जाए कि इससे कम में खरीद नहीं होगी तो इसमें क्या गलत है। खेती किसानी को कारपोरेट के हवाले करके किसानों को उनका बंधुआ मजदूर बनाने के लिए केंद्र सरकार काम कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।