68 दिन बाद बाजार में दिखी चहल पहल
मधेपुरा। 68 दिन बाद सोमवार को बाजार में चहल पहल दिखी। लगाई गई लगभग तमाम पाबंदियों को हटा
मधेपुरा। 68 दिन बाद सोमवार को बाजार में चहल पहल दिखी। लगाई गई लगभग तमाम पाबंदियों को हटा लिया गया है। पाबंदियां हटने से इतने दिनों से घरों में बंद रहे लोगों ने राहत की सांस ली। रविवार तक शाम चार बजे के बाद खाद्यान्न एवं मेडिकल स्टोर को छोड़कर सभी दुकाने बंद होने से मार्केट सुना सूना-सूना लगता था। लेकिन सोमवार को जब यह पाबंदी हटी तो लोग देर शाम तक सड़कों पर खरीददारी एवं आवश्यक कार्यों को पूरा करते दिखे।
लॉकडाउन के बाद सोमवार पहला दिन रहा जब दुकानें अपने पूर्व निर्धारित समय के अनुसार खुली और बंद हुई। इससे पहले 10 दिनों से मात्र चार से पांच घंटे तक ही दुकानों को खोलने के निर्देश था। लगभग दो महीने बिल्कुल दुकानें बंद रहने के बाद 20 मई से जिला मुख्यालय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 11 से दिन के चार बजे तक दुकानें खोली जा रही थी। सोमवार से दुकानें खोले जाने संबंधी आदेश के बावजूद कई दुकानदार असमंजस की स्थिति में रहें। यद्यपि अखबारों में इस आशय की स्पष्ट खबर आ जाने के बाद अधिकांश लोग दुकानों को खोलने आ गए। वहीं कई लोग पूर्व की भांति जिला प्रशासन के पत्र का भी इंतजार करते रहे। कई लोग सही स्थिति जानने के लिए मीडियाकर्मियों को भी फोन भी करते रहे।
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लगन को लेकर भीड़भाड़
जून माह में शादी ब्याह के कई दिन है। कई लोग तो इस माह में बाजार खुलने की उम्मीद छोड़ चुके थे। कइयों ने तो तय शादी की तिथि भी आगे बढ़ा दी। लेकिन कई लोगों ने इस अवधि में ही शादी करने का निर्णय लिया। कपड़ा दुकान एवं ज्वेलरी की दुकानों पर लोग अनलॉक एक के पहले दिन ही दिखे।
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घूमा वाहनों का पहिया
तकरीबन ढाई महीने बाद सोमवार को बसों, ऑटो एवं अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट की वाहनों का पहिया घूमा। 22 मार्च से सवारी गाड़ियों का चलना बंद था। बस, ऑटो एवं अन्य सवारी वाहन का चक्का थमा था। अनलॉक एक में सार्वजनिक वाहनों के परिचालन की अनुमति दिये जाने के वाद सोमवार से सवारी गाड़िया खुली। बहुत दिन बाद सड़क पर गाड़ियों की कतार दिखी। पूर्व की तरह तो नही लेकिन सड़क पर हल्की जाम की स्थिति भी कई जगह देखी गई।
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सरकारी कार्यालय भी हुए गुलजार
सरकारी कार्यालयों में भी सोमवार को चहल पहल देखी गई। लोगों ने इतने दिनों से अटके अपने सरकारी कार्यालयों के काम के लिए कार्यालय की तरफ रूख करना प्रारंभ कर दिया है। लॉकडाउन के दौरान आय, आवासीय, जाति प्रमाण पत्र आदि भी नहीं बनाए जा रहे थे। इन प्रमाण पत्रों के लिए कार्यालयों में लोग आते जाते रहे।