विवि का सर्वागीण विकास करना उनकी प्राथमिकता : डॉ. आरकेपी रमण
मधेपुरा। बीएन मंडल विवि में डॉ. राम किशोर प्रसाद रमण को कुलपति नियुक्त किया है। इस संबं
मधेपुरा। बीएन मंडल विवि में डॉ. राम किशोर प्रसाद रमण को कुलपति नियुक्त किया है। इस संबंध में शनिवार को राजभवन के प्रधान सचिव ने अधिसूचना जारी कर दिया है। राज्यपाल सह कुलाधिपति फागु चौहान ने उनकी नियुक्ति की। डॉ. आरकेपी रमण सोमवार को बीएनएमयू के 25 वें कुलपति के रूप में योगदान देंगे।
राज्यपाल ने बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए बीएनमंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में प्रतिकुलपति की भी नियुक्ति कर दी है। डॉ. आभा सिंह को प्रतिकुलपति बनाया गया है। नव-नियुक्त कुलपति व प्रतिकुलपति का कार्यकाल उनके प्रभार ग्रहण की तिथि से प्रारंभ होकर तीन वर्षों का होगा। कुलाधिपति ने सर्च कमेटी की अनुशंसा के आलोक में पैनल में शामिल व्यक्तियों से संवाद व राज्य सरकार से प्रभावी एवं सार्थक विमर्श के आधार पर नियुक्तियां की है। कुलपति बनने पर जागरण से बातचीत करते हुए डॉ. आरकेपी रमण ने कहा कि विवि की विश्वविद्यालय की चौमुंखी विकास उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने कुलाधिपति, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र नारायण यादव, शिक्षा मंत्री, एमएलसी संजीव कुमार सिंह, स्थानीय सांसद दिनेश चंद्र यादव सहित बिहार सरकार के सभी मंत्री व राज्य सरकार व राजभवन के पदाधिकारीगण के प्रति आभार जताया है। साथ ही कहा उन्होंने कहा कि वे सभी के विश्वास पर खरा उतरकर विवि की सर्वांगीण विकास के लिए शत प्रतिशत तत्पर रहेंगे। विवि की शैक्षणिक विकास को गति प्रदान करने के लिए हर प्रयास किया जाएगा। विवि के विकास के लिए शिक्षक, छात्र, पदाधिकारी व कर्मचारी को एक सूत्र में लेकर चलेंगे। नवनियुक्त कुलपति बीएनएमयू में संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक, प्रधानाचार्य सहित आधा दर्जन से पदों रहे हैं। शिक्षाविद प्रोफेसर डॉ. आरकेपी रमन के कुलपति बनने पर कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद, डॉ. बीएन विवेका, डॉ. नवीन कुमार, डॉ. नरेश कुमार डॉ. भवानंद झा, डॉ. केपी यादव, डॉ. केएस ओझा, डॉ. माधवेंद्र झा, डॉ. अशोक कुमार अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ के संयोजक डॉ. राजीव जोशी व डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह ने बधाई दी है। मालूम हो कि मई में कुलपति डॉ. अवध किशोर राय के स्थानातंरण के बाद कुलपति का प्रभार डॉ.ज्ञानंजय द्विवेदी को दिया गया था। साढ़े तीन माह बाद फिर से विश्वविद्यालय को स्थायी कुलपति मिला है।