चंडी काली मंदिर में पूजा को बंगाल से भी पहुंचते हैं लोग

कटिहार। आजमनगर प्रखंड स्थित सार्वजनिक चंडी काली मंदिर से लोगों की असीम आस्था जुड़ी हुई ह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 10:03 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 06:26 AM (IST)
चंडी काली मंदिर में पूजा को बंगाल से भी पहुंचते हैं लोग
चंडी काली मंदिर में पूजा को बंगाल से भी पहुंचते हैं लोग

कटिहार। आजमनगर प्रखंड स्थित सार्वजनिक चंडी काली मंदिर से लोगों की असीम आस्था जुड़ी हुई है। यहां पश्चिम बंगाल से भी लोग पूजा-अर्चना को पहुंचते हैं। लोगों में यह विश्वास है कि इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। खासकर काली पूजा में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। दिन ब दिन इसकी प्रसिद्धि बढ़ती जा रही है। लगभग 50 वर्ष पुरानी मंदिर का नव निर्माण हाल के वर्षों में ग्रामीणों के सहयोग से किया गया है और यहां भव्य प्रतिमा भी स्थापित की गई है। हर शनिवार एवं मंगलवार को भी यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। मन्नतें पूरी होने के बाद लोग यहां आकर चढ़ावा चढ़ाते हैं तथा बकरे की बलि भी दी जाती है।

पूर्व में खुले आसमान के नीचे होती थी पूजा

पूर्व में खुले आसमान के नीचे यहां पूजा-अर्चना होती थी। बाद में मन्नत पूरी होने पर लोग मंदिर निर्माण के लिए दान देने लगे। फिर लोगों के सहयोग से इस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण किया गया। साथ ही मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं को बैठने के लिए यात्री शेड का भी निर्माण किया गया। दीपावली के अवसर पर मंदिर कमेटी द्वारा पूजा का आयोजन किया जाता है। मंदिर प्रांगण में बकरे की बलि दी जाती है। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सुधीर राय, कमलेश कुमार भगत, सतीश यादव, जगदीश माहलदार, पंकज पोद्दार, भक्ति मंडल, जुगल यादव, कचाली राय, सुरेश राय, मु. नूर, परवेज सहित अन्य ग्रामीण यहां के आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

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