करोड़ों की लागत से बना है सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र, सुविधा नदारद

आलमनगर पीएचसी को सरकार ने करोड़ों की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना दिया है लेकिन

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 05:43 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 05:50 PM (IST)
करोड़ों की लागत से बना है सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र, सुविधा नदारद
करोड़ों की लागत से बना है सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र, सुविधा नदारद

संवाद सूत्र, आलमनगर (मघेपुरा) : प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। प्रखंड क्षेत्र के लगभग तीन लाख की आबादी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है, लेकिन यहां स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में लोग निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए मजबूर हैं, जहां मोटी रकम वसूल की जाती है।

आलमनगर पीएचसी को सरकार ने करोड़ों की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना दिया है, लेकिन सुविधा उस अनुसार नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ओपीडी चालू रहता है। औसतन एक सौ मरीज इलाज के लिए प्रतिदिन पहुंचते हैं। मरीजों के लिए यहां सभी तरह की दवा उपलब्ध नहीं रहने के कारण बाहर से खरीना पड़ता है। स्वास्थ्य केंद्र में स्वच्छ पेयजल की है व्यवस्था सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बिजली की व्यवस्था ठीक-ठाक है। मरीजों के लिए कई चापाकल व स्वच्छ पेयजल के लिए फिल्टर लगाए गए हैं। इससे आने वाले मरीजों को सुविधा मिलती है। अस्पताल में सफाई की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। जहां-तहां कूड़ा जमा रहता है।

पर्याप्त संख्या में हैं बेड आलमनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेड के मामले में परिपूर्ण है। यहां पर्याप्त संख्या में बेड है, लेकिन रखरखाव व स्वच्छता को नजरअंदाज किया जाता है। ऐसे में मरीजों को परेशानी होती है।

आक्सीजन की है व्यवस्था आलमनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आपात स्थिति में मरीजों के लिए आक्सीजन की व्यवस्था है। यहां आक्सीजन 24 घंटे उपलब्ध है। आक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध है। अस्पताल में एक्स-रे व जांच की सुविधा है, लेकिन कर्मचारी नहीं रहने की वजह से लोगों को बाहर से जांच कराना पड़ता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आपरेशन थिएटर की व्यवस्था है। इसमें इमरजेंसी व ओपीडी सुविधा उपलब्ध है।

इलाज कराने आए मरीजों ने कहा आलमनगर मुख्य बाजार के चतुर्भुज दास व मु. बेचन ने बताया कि अभी 10 बजकर 50 मिनट होने वाला है। एक घंटे से अधिक समय हो गया हमलोग पुर्जा लेकर बैठे हुए हैं, लेकिन अब तक चिकित्सक नहीं पहुंचे हैं। इस कारण परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि इस तरह की समस्या आए दिन होती है। अन्य मरीजों ने बताया कि चिकित्सक के लेट से आने से मरीजों को दिक्कत होती है। चिकित्सक निर्धारित समय पर उपलब्ध नहीं रहते हैं। ऐसे में निजी अस्पताल जाना पड़ता है। यहां के चिकित्सक निजी अस्पताल चलाते हैं। वहां मरीजों को देखने के बाद अस्पताल आते हैं।

रेफर किए जाते हैं मरीज चिकित्सकों व कर्मियों की कमी के कारण इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों रेफर कर दिए जाते हैं। यहां मात्र छोटी-मोटी बीमारी का ही इलाज किया जाता है। लोगों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ कागजी सर्टिफिकेट के लिए लोगों को इलाज कराने के लिए अस्पताल जाना पड़ता है। स्वास्थ्य केंद्र में फोर्थ ग्रेड कर्मियों द्वारा ड्रेसर का कार्य लिया जाता है। इस वजह से दुर्घटना व मारपीट के दौरान आए हुए जख्मी लोगों को काफी परेशानी होती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे मशीन को बैठा दिया गया है। टेक्नीशियन के नहीं रहने की वजह से एक्स-रे का संचालन बंद है।

पद : सृजित पद : पदस्थापित चिकित्सक : 12 : 05

विशेषज्ञ चिकित्सक : 02 : 00

स्वास्थ्य प्रशिक्षक : 04 : 02

फार्मासिस्ट : 06 : 00

ड्रेसर : 06 : 00

स्वच्छता निरीक्षक : 01 : 00

एलएचवी : 03 : 00

प्रखंड प्रसार प्रशिक्षक : 01 : 00

संगणक : 01 : 00

आदेशपाल : 01 : 00

कोट पांच चिकित्सकों के भरोसे एडिशनल पीएचसी व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है। जबकि आलमनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 12 चिकित्सकों की आवश्यकता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में होने के बावजूद भी एक भी ड्रेसर, कंपाउंडर, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट वार्डन, एक्स-रे टेक्निशियन नहीं है। 10 के बदले मात्र पांच जीएनएम ही हैं। इससे परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

डा. संतोष कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी, आलमनगर

chat bot
आपका साथी