पीड़ित बच्चों में एक सप्ताह तक रहता है वायर बुखार

मधेपुरा। जिले में वायरल बुखार का प्रकोप लगातार जारी है। अब तक चार हजार से अधिक बच्चे प

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 06:13 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 06:13 PM (IST)
पीड़ित बच्चों में एक सप्ताह तक रहता है वायर बुखार
पीड़ित बच्चों में एक सप्ताह तक रहता है वायर बुखार

मधेपुरा। जिले में वायरल बुखार का प्रकोप लगातार जारी है। अब तक चार हजार से अधिक बच्चे प्रभावित हो चुके हैं। अस्पताल पहुंचने वाले बच्चों का इलाज किया जा रहा है। वायरल से पीड़ित बच्चों में बुखार एक सप्ताह तक रह रहा है। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए ले जाया जा रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों का इलाज लक्षण के अनुसार किया जाता है। लक्षण के अनुसार ही उसे दवा दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध है। वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की कोरोना की जांच की जा रही अस्पताल पहुंचने वाले वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की कोरोना जांच भी की जा रही है। अब तक एक भी बच्चे की रिपोर्ट पाजिटिव नहीं आई है। फिर भी स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। अस्पताल में 10 बेड का बच्चों का वार्ड बनाया जा रहा है। इसके अलावा पीकू वार्ड का भी निर्माण शुरू कर दिया गया है। ताकि परेशानी न हो। वायरल बुखार के लक्षण सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डा. फूल कुमार ने बताया कि वायरल बुखार से पीड़ित इलाज के लिए आने वाले बच्चों में सर्दी, खांसी, तेज बुखार, शरीर में दर्द व सांस लेने में परेशानी की शिकायत मिल रही है। बीमार बच्चे को लक्षण के अनुसार दवा दी जा रही है। दवा खाने के तीन दिन बाद बुखार कम होना शुरू हो जाता है। एक सप्ताह में बुखार समाप्त हो रहा है।

वायरल बुखार से बचाव के उपाय डा. फूल कुमार ने बताया कि इन दिनों जारी वायरल बुखार के प्रकोप से बच्चों को बचाने के लिए धूप में नहीं निकलने दें। इसके अलावा फ्रीज का पानी या फ्रीज का कोई भी समान बच्चे को नहीं देना चाहिए। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बच्चे को गर्म खाना खिलाना चाहिए। गुनगुना पानी का उपयोग करना चाहिए। साथ ही खाना खाने से पहले बच्चों का हाथ अच्छी तरह साबुन से धुलाएं। इसके अलावा एसी या कूलर में सोने से बचना चाहिए।

कोट वायरल बुखार के प्रकोप को देखते हुए सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल सहित सभी प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्रों को निर्देश जारी किया है कि इलाज के लिए आने वाले वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों का आंकड़ा प्रत्येक दिन जिले को उपलब्ध कराएं। वायरल बुखार से संबंधित सभी प्रकार की आवश्यक दवा अस्पतालों को उपलब्ध करा दी गई है। बुखार से संबंधित सभी तरह की दवा जिले में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। -डा. अमरेंद्र नारायण शाही,

सिविल सर्जन, मधेपुरा

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