होम आइसोलेशन में गए संविदा स्वास्थ्यकर्मी

मधेपुरा। राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी संघ के राज्यव्यापी आह्वान पर जिले से लेकर प्रखंड स्तर तक

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 12:17 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 12:17 AM (IST)
होम आइसोलेशन में गए संविदा स्वास्थ्यकर्मी
होम आइसोलेशन में गए संविदा स्वास्थ्यकर्मी

मधेपुरा। राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी संघ के राज्यव्यापी आह्वान पर जिले से लेकर प्रखंड स्तर तक के सभी स्वास्थ्य संविदाकर्मी विभिन्न मांगों के लिए बुधवार से काम छोड़कर सामूहिक होम आइसोलेशन में चले गए।

एनएचएम के तहत स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत स्वास्थ्य संविदाकर्मी के होम आइसोलेशन में जाने से कोरोना महामारी में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। लंबित मांगों की पूर्ति को लेकर होम आइसोलेशन में गए स्वास्थ्य संविदाकर्मी संघ के अध्यक्ष सुधा संध्या ने कहा कि हमारी मांगों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों व पदाधिकारियों का मानदेय का पुनरीक्षण कर शत-प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए, कोरोना की भयावहता के बीच कार्य कर रहे सभी स्वास्थ्य संविदाकर्मियों व आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत कर्मियों के लिए तत्काल 50 लाख रुपये का बीमा कराया जाए। दिवंगत साथियों के आश्रितों को तत्काल संबंधित राशि का भुगतान किया जाए, मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना काल में मृत्यु हो जाने के उपरांत घोषित की गई पारिवारिक पेंशन, आश्रितों को नौकरी व अन्य सभी सुविधा को संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए, राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारियों द्वारा बिना किसी प्रामाणिक कारण के सेवा से हटाने की जो परंपरा बन गई है। उस पर अविलंब रोक लगाई जाए। बिहारीगंज : सीएचसी में कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मी अपनी विभिन्न मांगों के लिए बुधवार से होम आइसोलेशन में चले गए।

होम आइसोलेशन में जाने के संदर्भ में बीएचएम मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि इसकी सूचना प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. समीर कुमार दास को दी गई है। उन्होंने बताया कि विगत कई वर्षों से संघ के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर सरकार को स्मार पत्र दिया गया है। इसमें नियमितीकरण, वेतनमान, सरकारी कर्मी का दर्जा व अन्य मांगें शामिल हैं। वहीं, कोरोना महामारी के दौरान संविदा कर्मियों द्वारा जान जोखिम में डालकर कार्य किया जा रहा है। बावजूद कोरोना से मृत संविदा पदाधिकारी और कर्मियों के साथ सुविधाओं में भेदभाव किया जा रहा है। सरकार के भेदभाव पूर्ण रवैये से तंग आकर विगत छह से आठ मई तक काला बिल्ला लगाकर कार्य करने के बावजूद सरकार द्वारा किसी प्रकार का निर्णय नहीं दिए जाने पर मजबूरन 12 मई से होम आइसोलेशन में जाने को बाध्य होना पड़ा है। इस दौरान होने वाली असुविधा की सारी जवाबदेही सरकार की होगी। मौके पर राकेश कुमार, रीमा कुमारी, उपेंद्र कुमार अमर, अजय कुमार आजाद, रश्मि रानी एवं अन्य संविदा कर्मी उपस्थित थे। कोट एनएचएम के तहत कार्यरत सभी स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों को काम छोड़कर होम आइसोलेशन में चले जाने से कार्य प्रभावित हुआ है। कोरोना की जांच के लिए सैंपल लेने का कार्य या टीकाकरण का कार्य ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है। -डॉ. अमरेंद्र नारायण शाही, सिविल सर्जन, मधेपुरा

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