कोरोना से ठीक होने के बाद भी बरतें सावधानी
डॉक्टर का कहना फोटो - 24 एमएडी 20 गंभीर व मध्यम किस्म के मरीजों को ज्यादा सावधानी की है अ
मधेपुरा। कोरोना से ठीक होने के बाद बिल्कुल बेफिक्र हो जाना खतरे की घंटी है। कोरोना संक्रमित ऐसे मरीज जो मोडरेट अथवा गंभीर स्थिति में पहुंच गए थे। उन्हें लगातार चिकित्सकों के संपर्क में रहना चाहिए। ऐसे मरीजों को कोरोना संक्रमण होने के एक माह तक चिकित्सकों के संपर्क में रहना चाहिए। आवश्यकतानुसार बीच-बीच में कई तरह ही जांच भी कराए जाने को आवश्यकता होती है। आम तौर पर कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होने के बाद बेपरवाह हो जाते हैं। वे खुद को पूरी तरह फिट समझ लेते हैं। कई मरीजों को यह लापरवाही भारी पड़ चुकी है। लापरवाही से ऐसे मरीजों की जान भी जा सकती है। खासकर माध्यम व गंभीर किस्म के मरीज को कोरोना से निजात पाने के बाद भी ब्लड क्लोटिग से बचने की दवा चिकित्सक के परामर्श के अनुसार खानी पड़ती है। कई लोग हॉस्पिटल में भर्ती रहने के दौरान चार पांच दिन के लिए यह दवा खाते हैं। फिर ठीक होते हो खाना छोड़ देते हैं। जबकि यह दवाई ठीक होने के बाद भी तीन हफ्ते तक लगातार खानी होती है। समय-समय पर करानी चाहिए जांच
कोरोना से ठीक हुए माध्यम व गंभीर किस्म के मरीजों को चिकित्सक के परामर्श से कुछ ब्लड टेस्ट कराते रहना चाहिए। चिकित्सक मरीज के क्लीनिकल कंडीशन के आधार पर कुछ जांच करते रहते हैं। इसमें सीआरपी, सीबीसी व ब्लड शुगर की जांच प्रमुख है। जिन मरीजों को स्टेरॉयड की दवा चली होती है वैसे मरीजों को ब्लड शुगर होने की संभावना बन जाती है। स्टेरॉयड का उपयोग नहीं करने वाले मरीजों को भी ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा रहता है।
पोस्ट कोविड मरीज बचे हैवी एक्सरसाइज से
पोस्ट कोविड मरीजों को चिकित्सक हैवी व्यायाम से बचने का सलाह देते हैं। ऐसे मरीजों को तत्काल चिकित्सक हैवी एक्सरसाइज करने से मना करते हैं। यद्यपि ऐसे मरीज हल्के-फुल्के एक्सरसाइज कर सकते हैं। कोरोना संक्रमित मरीज को ठीक होने के बाद अचानक से ट्रैक पर नहीं उतरने को कहा जाता है। पोस्ट कोविड ऐसे मरीजों को योगा करने की सलाह भी चिकित्सक देते हैं।
ज्यादा चीनी व नमक युक्त खाद्य पदार्थ से बचे
पोस्टकोविड मरीजों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। कोरोना संक्रमण होने के बाद मरीज की इम्युनिटी घट जाती है। इसीलिए संक्रमण खत्म होने के बाद भी उन्हें प्रोटीन युक्त डाइट लेनी को कहा जाता है। ऐसे मरीजों को अधिक चीनी या अधिक नामक वाले खाद्य सामग्री का कम इस्तेमाल को कहा जाता है। वहीं ज्यादा तले भुने सामानों का उपयोग नहीं करने की सलाह भी दी जाती है। कोरोना से ठीक हुए मोडरेट व गंभीर किस्म के मरीजों को लगातार चिकित्सक के संपर्क में रहना चाहिए। कोरोना वायरस मरीज के भीतर रहने के दौरान न सिर्फ इम्युनिटी को कमजोर कर देती है, बल्कि कई पार्ट्स को कमजोर भी कर देती है। ठीक होने के बाद भी किसी तरह को की परेशानी आने पर उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तत्काल चिकित्सक स संपर्क करना चाहिए। कोरोना से ठीक हुए मरीजों को चिकित्सक के सलाह के अनुरूप तीन हफ्ते तक ब्लड में क्लोटिग नहीं होने की दवा खानी होती है। वहीं स्टेरॉयड इस्तेमाल करने वाले मरीजों को ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा भी राहत है। ठीक होने के बाद भी सीआरपी, सीबीसी व शुगर जांच कराने की जरूरत मरीज के स्थिति को देखते हुए कराई जाती है।
डॉ. डीके सिंह
वरीय चिकित्सक सह सचिव
आइएमए, मधेपुरा