शिक्षक नियोजन में भ्रष्टाचार पर लगी मुहर, बीईओ निलंबित

मधेपुरा। मुरलीगंज के बीईओ सुर्यप्रकाश यादव का वायरल आडियो को विभाग ने गंभीरता से लिया ह

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 06:40 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 06:40 PM (IST)
शिक्षक नियोजन में भ्रष्टाचार पर लगी मुहर, बीईओ निलंबित
शिक्षक नियोजन में भ्रष्टाचार पर लगी मुहर, बीईओ निलंबित

मधेपुरा। मुरलीगंज के बीईओ सुर्यप्रकाश यादव का वायरल आडियो को विभाग ने गंभीरता से लिया है। जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद शिक्षा निदेशालय ने बीईओ को निलंबित कर दिया है। डीईओ वीरेंद्र नारायण यादव ने बताया कि इस बाबत पत्र नहीं आया है, लेकिन निदेशालय ने बीईओ को निलंबित कर दिया है।

जानकारी के अनुसार, पटना में शनिवार को पूरे दिन चली मीटिग के बाद निदेशालय ने यह निर्णय लिया है। पूर्व से विवादों में रहे बीईओ की घटना ने एक बार फिर शिक्षा विभाग को शर्मसार किया है। इस मामले में बीडीओ अनिल कुमार ने गुरुवार को ही खंडन कर बताया था कि आडियो में शामिल लड़का का नियोजन प्रखंड नियोजन इकाई से नहीं हुआ है। बल्कि उन्होंने बताया कि बीईओ वाहवाही के लिए प्रशासनिक लोगों को इसमें फंसा रहा है। जबकि पूरे प्रकरण में मेरा कोई लेना देना नहीं है। बीडीओ ने अपनी सफाई देकर मामले को और भी उलझा दिया है। वहीं मुरलीगंज में शिक्षक नियोजन के पारदर्शिता पर भी सवाल खड़ा हो गया है। एक अभ्यार्थी ने बताया कि इसी भ्रष्टाचार की बली म वे भी चढ़े हैं। नियमत: के साथ होता तो मेरा भी चयन होता। वहीं कुछ अभ्यर्थियों के परिजनों ने बताया कि मुरलीगंज में आयोजित नियोजन प्रक्रिया को डीएम रद करते हुए दोषी लोगों पर कार्रवाई करें। आडियो मामले में शिक्षा विभाग पूरी तरह से असमंजस की स्थिति है। लोगों का कहना है कि इस मामले की हर हाल में न्यायिक जांच होनी चाहिए।

नियोजन के दौरान हुआ था हंगामा मालूम हो कि मुरलीगंज में शिक्षक नियोजन इस बार पूरी तरह से विवाद में रहा। 12 जुलाई से 13 सितंबर तक चली नियोजन प्रक्रिया के दौरान अक्सर विवाद सुर्खियों में रही, लेकिन जानकार बताते हैं कि भ्रष्टाचार की ही देन रही कि कभी इस मामले में प्रशासनिक हस्तक्षेप नहीं हुआ। यही कारण है कि लोग अभी तक शिक्षक नियोजन को शंका व मैनेज की निगाह से ही देखते हैं। मालूम हो कि मुरलीगंज में 150 से ज्यादा रिक्त पद था। इसमें आधे पर नियोजन हुआ है। अगर सरकार व विभाग मामले को गंभीरता से लेती है तो पूरा नियोजन ही कानूनी दांव-पेंच में फंस सकता है। मामला को उलझता देख नियोजित शिक्षक जहां डरे हैं वहीं नहीं होने वाले अभ्यार्थियों के बीच आशा का किरण बन गया है। जो आने वाले समय में और कई नए मामलों का खुलासा करेगी। अपनों ने भी छोड़ा साथ घटना से पूर्व तक शिक्षा विभाग में रिग मास्टर की भूमिका अदा कर रहे बीईओ का आडियो वायरल होने पर अपनों ने ही सबसे पहले साथ छोड़ा। इसमें उसके साथी से लेकर कुछ शिक्षक नेता भी हैं। जानकार बताते हैं कि जो आज उसे गलत बता रहे हैं, कल तक उसकी हजूरी से बाज नहीं आ रहे थे। लोगों का तो यहां तक कहना है कि इस आडियो वायरल में उसके कुछ करीबी का भी हाथ है। एक शिक्षक ने बताया कि मुरलीगंज ही नहीं पूरे जिले में शिक्षक से लेकर अपने सहयोगी बीईओ तक को वे अपने इसारे पर नचाते थे। अपनी उंची पहुंच व हवाबाजी का असर था कि प्रत्येक दिन उसके आवास पर पैरवीकार की बैठक होती थी। जांच के लिए बनी कमेटी मामला को बढ़ता देख डीईओ ने त्रिस्तरीय जांच कमेटी बनाई है। स्थापना के डीपीओ सुनील कुमार गुप्ता इसके अध्यक्ष होंगे। वहीं एमडीएम के डीपीओ शिवशंकर मिस्त्री तथा कुमारखंड के बीईओ कुमार गुणानंद सिंह को सदस्य बनाया है। वहीं शिक्षक संघ से जुड़े कुछ नेता ने इस जांच कमेटी पर ही सवाल खड़ा कर दिये है। उनलोगों का कहना है कि जिस पदाधिकारी पर हाल के दिनों में इंस्पेक्शन उधोग चलाने का आरोप लगाया गया था, उसे ही जांच की जिम्मेदारी दी गई है। यह अपने आप में सवाल है। दुसरी ओर डीईओ ने उक्त बीईओ की छूट्टी को रद कर दिया है। डीईओ ने शिक्षा विभाग के निदेशक को पत्र लिख बीईओ सुर्यनारायण यादव पर विभागीय व अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की है। शिक्षक नियोजन में बीईओ की संलिप्तता की जांच के लिए त्रिस्तरीय कमेटी बनाई गई है। विभाग ने बीईओ को निलंबित कर दिया है। विभागीय व अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। -वीरेंद्र नारायण यादव, डीईओ, मधेपुरा

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