मधेपुरा में सिंहेश्वर मंदिर के बाहर ही जलार्पण कर श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

सावन की दूसरी सोमवारी को बाबा नगरी सिंहेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। मंदिर बंद रहने के कारण श्रद्धालुओं ने गेट से ही पूजा-अर्चना की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 06:26 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 06:26 PM (IST)
मधेपुरा में सिंहेश्वर मंदिर के बाहर ही जलार्पण कर श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना
मधेपुरा में सिंहेश्वर मंदिर के बाहर ही जलार्पण कर श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

मधेपुरा। सावन की दूसरी सोमवारी को बाबा नगरी सिंहेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। मंदिर बंद रहने के कारण श्रद्धालुओं ने गेट से ही पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं ने कहा कि मंदिर बंद है तो क्या बाबा का पूजा करना है। बाबा हर जगह हैं। बाहर से ही जलार्पण किए। मालूम हो कि सावन में सिंहेवर में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। भागलपुर के महादेवपुर घाट सहित गई गंगा घाटों से जल लाकर बाबा की पूजा अर्चना की जाती है। बाबा का मुख्य द्वार फूल से भर गया है। यहां तक की दूध की धारा सड़कों पर बहती है। यहां पहुंच रही श्रद्धालुओं का हुजूम कोरोना गाइडलाइन का भी पालन नहीं कर रहे हैं। पिछले सोमवार को जहां 20 से 30 हजार लोग बाबा मंदिर पहुंचे थे। वहीं इस बार संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी देखी जा रही है। भक्तों की आस्था महादेव पर ऐसे छाई हुई है कि लोग अहले सुबह पहुंचकर बाबा के मंदिर परिसर में हाजरी लगाते हैं। स्थिति यह है कि सिंहेश्वर में रह-रहकर जाम लगता रहा।

कांवरियों का सेवा करना महादेव के लिए सच्ची श्रद्धा

संवाद सूत्र, चौसा (मधेपुरा) : सावन मास के दूसरी सोमवारी के लिए महादेवपुर घाट उत्तर वाहिनी गंगा से जल भरकर बाबा सिंहेश्वर स्थान के लिए निकले कांवरिया की सेवा के लिए घोषई में एसएच 58 के किनारे न्यू युवा बोलबम सेवा समिति के द्वारा सेवा शिविर का आयोजन किया गया। मौके पर संघ से जुड़े युवाओं द्वारा रात्रि जागरण सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी विशेष आयोजन किया गया है। रात्रि जागरण का विधिवत उद्घाटन साहित्यकार कुंदन घोषईवाला के द्वारा फीता काटकर किया गया। उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुंदन घोषईवाला ने कहा कि दुर्गम रास्ते पर सफर कर रहे कांवरियों का सेवा करना महादेव के लिए सच्ची है। धर्म शास्त्रों में भी शिव को अभिषेक करने से ज्यादा पुनित कार्य कांवड़ियों की सेवा करना बताया गया है। विद्यालय प्रधान रूदल पासवान ने कहा कि घोषई की धरती सदा ही धर्म-कर्म के मामले में उर्वरा रही है। प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी यहां के युवाओं द्वारा कांवरिया सेवा शिविर लगाना शिव के प्रति अपार आस्था को दर्शाता है। शिक्षक बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा कि कांवरिया सेवा शिविर थके हुए कांवरियों को पुन: उर्जावान बनाता है। रात्रि जागरण सह सांस्कृतिक कार्यक्रम को मुख्य रूप से वार्ड सदस्य रघुनंदन शर्मा, समाजसेवी शंकर मंडल, अमित कुमार झा, पंकज पासवान आदि ने भी संबोधित किया। उद्घाटन सत्र के मंच का संचालन अभिनंदन पठान के द्वारा किया गया। वहीं इस दौरान उपस्थित सेवा शिविर के अध्यक्ष विनीत यादव ने बताया कि कांवारियों की सेवा के लिए मीठा जल, लाल चाय, गर्म पानी व फस्ट हेड जैसी व्यवस्था की गई थी। उपाध्यक्ष संतोष शर्मा ने बताया कि यह सेवा शिविर पूरे सावन कांवरियों की सेवा को समर्पित रहेगा। सेवा शिविर को सफल बनाने में सचिव मिथिलेश पासवान, रूपेश पासवान, दिवाकर ठाकुर, फूलकुमार ठाकुर, टुनटुन पोद्दार, मृत्युंजय शर्मा सहित दर्जनों युवा सेवा को तत्पर दिखे।

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