जिले में मजिस्ट्रेट की देखरेख में दुकानों से वितरित होगा उर्वरक : डीएम

जागरण संवाददाता मधेपुरा जिले में उर्वरक की किल्लत को दूर करने के लिए जिला प्रशासन

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 06:33 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 06:35 PM (IST)
जिले में मजिस्ट्रेट की देखरेख में दुकानों से वितरित होगा उर्वरक : डीएम
जिले में मजिस्ट्रेट की देखरेख में दुकानों से वितरित होगा उर्वरक : डीएम

जागरण संवाददाता, मधेपुरा: जिले में उर्वरक की किल्लत को दूर करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से खाद दुकानों पर मजिस्ट्रेट को तैनात करने का निर्णय लिया गया है। प्रत्येक खाद दुकान मजिस्ट्रेट की देखरेख में खुलने के साथ ही खाद बिक्री की जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी के स्तर से दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है। उर्वरक की किल्लत के साथ हो रही कालाबाजारी को रोकने के लिए यह पहल जिलाधिकारी के स्तर से की गई है। खाद की कालाबाजारी को रोकने व किल्लत को दूर करने के लिए किए उपायों के संदर्भ में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए जिलाधिकारी श्याम बिहारी मीणा ने कहा कि जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध हो रहा है। किसानों को कोई दिक्कत नहीं हो इसके लिए प्रत्येक खुदरा खाद दुकानों पर मजिस्ट्रेट की निगरानी में खाद का वितरण कराया जाएगा। जिलाधिकारी से वार्ता के दौरान जिला कृषि पदाधिकारी राजन बालन भी मौजूद थे।

खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने को हुई पहल

जिलाधिकारी ने कहा कि खाद की कालाबाजारी को रोकने के लिए यह पहल की गई। किसान खाद की किल्लत के साथ कालाबाजारी को लेकर भी शिकायत कर रहे थे। किसानों की समस्या को दूर करने के लिए यह ठोस पहल की गई है। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट की निगरानी में खाद का वितरण होने से कालाबाजारी की शिकायत दूर होगी। वहीं, किसानों को आसानी से खाद मिल सकेगी। डीएम ने कहा कि इसके बावजूद कालाबाजारी होने की सूचना मिलने पर संबंधित मजिस्ट्रेट के साथ साथ दुकानदार पर भी जांच कर कार्रवाई होगी।

24 घंटे काम करेगा कंट्रोल रूम

उर्वरक मिलने में किसानों को हो रही समस्या के निदान को लेकर जिला स्तर पर कंट्रोल रूम का गठन किया गया है। कंट्रोल रूम में 24 घंटे काम करेगा। किसान जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के नंबर 06476 222220 पर खाद मिलने में हो रही दिक्कत व कालाबाजारी से संबधित सूचना दे सकते हैं। डीएम ने कहा कि सूचना मिलने पर तत्काल जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

मक्का व गेहूं के लिए उर्वरक की है जरूरत

मक्का व गेहूं की खेती को लेकर किसानों को काफी मात्रा में डीएपी की जरूरत है। गेहूं की बुआई के पूर्व जहां डीएपी की काफी जरूरत थी। वहीं अब यूरिया की काफी जरूरत होगी। ऐसे में किसानों को उर्वरक उपलब्धता आसानी से प्रत्येक प्रखंडों में हो इसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से पहल की जा रही है।

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