खोया हुआ पुत्र समझकर मंदबुद्धि को घर ले जा रही थी महिला, स्वजनों ने किया पुलिस के हवाले
संवाद सूत्र मधेपुरा जिला मुख्यालय के वार्ड संख्या दो स्थित केपी कालेज मुरलीगंज के दिवंगत प्रो.
संवाद सूत्र, मधेपुरा : जिला मुख्यालय के वार्ड संख्या दो स्थित केपी कालेज मुरलीगंज के दिवंगत प्रो. मनोज कुमार के आवास से बुधवार को उनके मंदबुद्धि पुत्र को अपने साथ ले जा रही एक महिला व उसके स्वजनों को लोगों ने पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने 29 साल के प्रेम प्रकाश उर्फ मोनू को मां मंजू रानी के हवाले कर दिया, जबकि मोनू को अपना खोया हुआ पुत्र समझकर साथ ले जा रही महिला, उसके बहू समेत चार लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। जानकारी के अनुसार, उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र के खाड़ा वार्ड संख्या पांच की सत्या देवी व राजो मंडल के पुत्र अवधेश कुमार चार साल पूर्व खो गया था। बेटे की तलाश में सत्या अभी भी भटक रही हैं। बुधवार को टीपी कालेज परिसर में उदाकिशुनगंज प्रखंड का मतगणना चल रही थी। वह अपने संबंधी सरपंच प्रत्याशी नागो मंडल की मतगणना में आई थी। उसके साथ में उसकी बहू व अन्य स्वजन भी आए थे। संयोग था कि मतगणना में आई महिला सत्या टीपी कालेज के सामने स्थित प्रो. मनोज के आवासीय परिसर में बैठी थी। इसी बीच मोनू घर से बाहर निकला। उसे निकलते देख सत्या चिल्लाने लगी कि यही मेरा खोया हुआ बेटा अवधेश है। इसी पर सबों ने मिलकर उसे स्कार्पियो में बैठा लिया और लेकर टीपी कालेज के पूर्वी गेट के पास मैदान में लेकर चले गए। घटना की जानकारी मिलते ही मोनू के जीजा निखिल कुमार बाइक से एक व्यक्ति के साथ मैदान पर पहुंचे और मोनू को महिला से छीनने लगे। इसी बीच मोनू भी महिला का समर्थन करते हुए अपने जीजा के साथ जाने से इन्कार कर दिया। इसी गलतफहमी में मैदान पर मौजूद लोग महिला का साथ देने लगे मारपीट पर उतारू हो गए। इसकी सूचना सदर एसडीपीओ अजय नारायण यादव को दी गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस को घटना स्थल पर भेजा गया। तब पुलिस मोनू व महिला समेत उसके स्वजनों को थाना लाया गया। घटना की जानकारी मिलते ही मरूवाहा गांव से काफी संख्या में लोग थाना पहुंच गए। ग्रामीणों के आवेदन पर पुलिस मोनू को उसकी मां को सौंप दिया।
चार साल पहले खोया है बेटा
आरोपित महिला सत्या ने बताया कि चार साल पूर्व उसका बेटा अपने बहन के यहां संदेश देने गोपालपुर गया था। लौटते समय वह ग्वालपाड़ा में कहीं खो गया। इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई, लेकिन अभी तक उसका कुछ पता नहीं चल पाया है। वह अपने बेटे की खोज में दर-दर की ठोकर खा रही हैं। इसी दौरान जब मतगणना में आई तो मोनू को देखकर लगा कि वह उसका बेटा है। इसी गलतफहमी में मोनू को अपने साथ ले गई थी। कथित अपहरण को लेकर मोनू की मां ने थाने में दिया आवेदन सदर थाने में दिए गए आवेदन में मोनू की मां मंजू रानी ने कहा है कि उसका पुत्र मानसिक रूप से कमजोर है। बुधवार को अपहरण की नीयत से खाड़ा निवासी अमृता देवी, गुगली मंडल, चंदन कुमार व बासुदेव मंडल अपहरण की नीयत से उसे स्कार्पियो गाड़ी में बैठाकर ले जा रहे थे। उसे परिजनों की मदद से बचा लिया गया। उन्होंने कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद ने बताया कि मोनू को उसकी मां के हवाले कर दिया गया है। हिरासत में ली गई महिला से पूछताछ की जा रही है।