झंझारपुर कोर्ट में पुलिसिया घटना के विरोध में अधिवक्ताओं ने किया निदा प्रस्ताव पास

संवाद सूत्र मधेपुरा झंझारपुर व्यवहार न्यायालय में एडीजे पर हुए पुलिसिया हमले के विरोध

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 05:58 PM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 05:58 PM (IST)
झंझारपुर कोर्ट में पुलिसिया घटना के विरोध में अधिवक्ताओं ने किया निदा प्रस्ताव पास
झंझारपुर कोर्ट में पुलिसिया घटना के विरोध में अधिवक्ताओं ने किया निदा प्रस्ताव पास

संवाद सूत्र, मधेपुरा : झंझारपुर व्यवहार न्यायालय में एडीजे पर हुए पुलिसिया हमले के विरोध में जिला अधिवक्ता संघ ने आपातकालीन बैठक की।

उपाध्यक्ष गजेंद्र नारायण यादव ने कहा कि इस घटना ने पुलिस की साख पर बट्टा लगा दिया है। उन्होंने कहा कि न्यायालय न्याय का मंदिर होता है व उसमें फैसला देने वाले न्यायाधीश को लोग भगवान का दर्जा देते हैं। पुलिस कानून की रक्षक है और उसकी जवाबदेही संविधान ने भी तय कर रखी है कि न्यायपालिका के आदेश को कैसे अमलीजामा पहनाया जाए। घोघरडीहा के थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण एवं उनके एसआई अभिमन्यु शर्मा को पुलिसिया अहंकार था कि बिना अदालत के आदेश के ही सीधे अनुमंडल विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष सह एडीजे प्रथम के कक्ष में प्रवेश कर गए। सचिव संजीव कुमार ने कहा कि संयोग था कि एडीजे की सुरक्षा में तैनात उनका गार्ड उस समय खाना खाने के लिए बगल में ही गया हुआ था। अनुमंडल विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष के नाते एडीजे प्रथम ने घोघरडीहा थानाध्यक्ष को बुधवार को उपस्थापित होकर एक मामले में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था। बुधवार को वे अदालत नहीं आए और न ही इसकी जानकारी लिखित रूप से अदालत को दी। वे सीधे तौर पर इस मामले में भी अदालत की अवज्ञा कर चुके थे। फिर गुरुवार को उनका आना उचित प्रतीत नहीं होता है। अगर वे आए भी तो ऐसे तमतमाए कि एडीजे प्रथम अविनाश कुमार पर ही पुलिसिया रौब दिखाने लगे। संजीव कुमार ने कहा कि थानाध्यक्ष ने मारने के लिए न सिर्फ जूता निकाला, बल्कि अपना पिस्टल भी एडीजे की तरफ तान दिया। एडीजे प्रथम ने जब इसका विरोध किया तो थानाध्यक्ष उनके साथ मारपीट करने लगे। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के कारण ही जज किसी तरह सुरक्षित जिदा है। अधिवक्ता धरणीधर सिंह ने कहा कि कोर्ट परिसर में पुलिसिया घटना न्यायपालिका के लिए शुभ नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए दोषी पुलिसकर्मी को सजा दी जाए। अधिवक्ता सदानंद यादव ने कहा कि यह घटना भविष्य के लिए एक चेतावनी है। मौके पर अधिवक्ता अनिल कुमार, सीमा कुमारी, कमल किशोर झा, रामरूप यादव, डा. धमेन्द्र कुमार, सीपी चंदन समेत अन्य मौजूद थे।

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