रामनगर काली मंदिर में होती है भक्तों की मन्नतें पूरी

संवाद सूत्र कुमारखंड (मधेपुरा) रामनगर महेश स्थित काली मंदिर आस्था व विश्वास का प्रतीक है

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 05:38 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 05:38 PM (IST)
रामनगर काली मंदिर में होती है भक्तों की मन्नतें पूरी
रामनगर काली मंदिर में होती है भक्तों की मन्नतें पूरी

संवाद सूत्र, कुमारखंड (मधेपुरा) : रामनगर महेश स्थित काली मंदिर आस्था व विश्वास का प्रतीक है। यहां मां से मांगी गई मन्नतें पूरी होती है। लोगों का मानना है कि मां काली के इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्ष 1905 ई में बाबू सोनेलाल झा द्वारा 52 डिसमिल जमीन देकर काली मंदिर की स्थापना स्थानीय पंडित नंदलाल झा, पंडित सोनेलाल झा, पंडित छत्रधारी ठाकुर सहित अन्य ग्रामीणों के सहयोग से किया था। 114 वर्ष से दक्षिणेश्वर काली को स्थापित कर ग्रामदेवी के रूप में शुरू की गई। काली मंदिर में सालों भर पिड की पूजा होती है। मंदिर के पुजारी ब्रह्मानंद ठाकुर बताते हैं कि काली पूजा में वर्षों से कांकड़ निवासी मूर्तिकार होरिल पंडित द्वारा हर वर्ष माता के भव्य प्रतिमा का निर्माण किया करते थे। उनके स्वर्गवास के बाद उनके पुत्र चुतहरू पंडित द्वारा माता के प्रतिमा का निर्माण किया जाने लगा। वर्तमान में छूतहरु पंडित के बाद उनके पौत्र महादेव पंडित द्वारा प्रतिमा बनाई जाती है। उन्होंने कहा कि यहां सालोंभर शाम में संध्या आरती की जाती है। प्रत्येक मंगलवार को मंदिर में कीर्तन भजन का आयोजन किया जाता है। काली माता की महिमा के बारे में यह प्रसिद्धि है कि यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती है। काली पूजा के अवसर पर यहां तीन दिनों तक मां कली की पूजा अर्चना की जाती है। इसके बाद पंडित द्वारा निशा बलि दी जाती है। काली पूजा के अवसर पर हर वर्ष मेला का आयोजन किया जाता है। मेला में श्रद्धालुओं तथा बच्चों के मनोरंजन के लिए स्थानीय श्यामा सृजन समिति व श्यामा नाट्य कला परिषद द्वारा पेयजल, शौचालय और प्रकाश आदि का पर्याप्त इंतजाम किया जाता है। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर मेला पूजा आयोजन समिति के अध्यक्ष गिरिजानंद ठाकुर बच्चन, सचिव नर्मदेश्वर झा व पंडित जयचंद्र झा, केदार प्रसाद साह, नारायण झा, इंद्रनाथ, सुधीर ठाकुर, कैलाशपति झा, बिदेश्वरी राय, बिमलचंद्र झा, कामोज मिश्र, देवेश झा सहित अन्य ग्रामीण आयोजन के सफलता में लीन रहते हैं। वहीं मेला आयोजक विमलचंद्र झा व अन्य सहयोगियों द्वारा मेला की सुरक्षा की जाती है।

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