पराली जलाने वाले किसानों पर होगी कार्रवाई : बीएओ

मधेपुरा। खेत में पराली जलाने वाले किसानों का निबंधन रद कर उसके विरुद्ध स्थानीय थाने में मामला

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 06:14 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 06:14 PM (IST)
पराली जलाने वाले किसानों पर होगी कार्रवाई : बीएओ
पराली जलाने वाले किसानों पर होगी कार्रवाई : बीएओ

मधेपुरा। खेत में पराली जलाने वाले किसानों का निबंधन रद कर उसके विरुद्ध स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराया जाएगा।

इस बाबत प्रखंड कृषि पदाधिकारी सुभाष प्रसाद सिंह ने प्रखंड क्षेत्र में पदस्थापित सहायक तकनीकी प्रबंधक एवं किसान सलाहकारों को अपने-अपने संबंधित क्षेत्र में इसकी कड़ी निगरानी करने का निर्देश दिया है। मालूम हो कि हर साल खासकर मक्का एवं गेहूं की कटाई के पश्चात अधिकांश किसान फसल के बचे अवशेष को खेतों में ही जला दिया करते हैं। इस परिस्थिति में कृषि विशेषज्ञों की मानें तो इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति दिनानुदिन क्षीण होती जा रही है। साथ ही मिट्टी के सेहत पर भी जहां काफी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वहीं पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। खेतों में पराली जलाने के साथ मिट्टी में मौजूद मित्र कीट भी समाप्त हो जाते हैं। जिसका खामियाजा किसानों को अगले फसल के उत्पादन के समय उठाना पड़ता है। जबकि रीपर मशीन के इस्तेमाल से पराली जलाने के बदले उससे अतिरिक्त उर्वराशक्ति का उपार्जन भी किया जा सकता है। बीएओ ने कहा कि पराली जलाने वाले किसानों को कृषि से संबंधित किसी भी योजनाओं का लाभ नहीं दी जाएगी। साथ ही पराली जलाते पकड़े जाने पर उक्त किसान का कृषि विभाग से निबंधन रद करते हुए उसके विरुद्ध मामला भी दर्ज कराई जाएगी। बीएओ ने बताया कि एक टन पराली जलाने से 13 किलोग्राम सूक्ष्म कण, 03 किलोग्राम पार्टिकुलेट मैटर, 60 किलोग्राम कार्बन मोनोऑक्साइड,1460 किलोग्राम कार्बन, 199 किलोग्राम राख, 3.5 किलोग्राम नाइट्रोजन ऑक्साइड एवं 02 किलोग्राम सल्फर डाइऑक्साइड वायुमंडल में उत्सर्जित होता है। जो पर्यावरण को काफी क्षति पहुंचाता है। इसके कुप्रभाव से मानव के स्वास्थ्य पर भी काफी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। बीएओ के जारी निर्देशालोक में प्रखंड क्षेत्र में पदस्थापित सहायक तकनीकी प्रबंधक एवं किसान सलाहकार द्वारा जहां प्रतिदिन क्षेत्र का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया जा रहा है। वहीं घूम-घूमकर प्रखंड क्षेत्र के किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है।

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