हथिऔंधा की बदली तस्वीर पर रोजगार के आभाव में पलायन कर रहे लोग

मधेपुरा। बदलते समय में गांव की तस्वीर बदली है लेकिन रोजगार के अभाव में युवा पीढ़ी रोजी-रो

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 12:11 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 12:11 AM (IST)
हथिऔंधा की बदली तस्वीर पर रोजगार के आभाव में पलायन कर रहे लोग
हथिऔंधा की बदली तस्वीर पर रोजगार के आभाव में पलायन कर रहे लोग

मधेपुरा। बदलते समय में गांव की तस्वीर बदली है, लेकिन रोजगार के अभाव में युवा पीढ़ी रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे प्रदेश पलायन करने को मजबूर हैं। बिहारीगंज प्रखंड की हथिऔंधा पंचायत की आबादी लगभग 26 हजार की है। इसमें लगभग 12 हजार मतदाता हैं। यहां की साक्षरता दर लगभग 62 प्रतिशत और पंचायत का क्षेत्रफल करीब चार किलोमीटर का है। पंचायत में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। लोगों को परिवार का गुजर बसर करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना काल में दूसरे प्रदेश में मजदूरी कर रहे बड़ी संख्या में मजदूर अपने घर पहुंचे थे। उनका सोच था कि गांव में ही मजदूरी कर परिजनों के साथ मिलकर रहेंगे, लेकिन रोजगार के अभाव में रोजी-रोटी की तलाश में फिर से दूसरे प्रदेश पलायन करना पड़ रहा है। पंचायत में सड़क, नाला व विकास कार्य तो हुए हैं, लेकिन कई योजनाएं गुणवत्ता के अभाव में निर्धारित समय सीमा से पूर्व ही दम तोड़ने लगी है। पंचायत के अधिकांश लोग कृषि पर आधारित हैं। क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग नहीं रहने से किसानों को फसल का उचित कीमत नहीं मिल पाता है। इस वजह से उनकी माली हालात अच्छी नहीं है। सरकार द्वारा रोजगार बढ़ाने के लिए मनरेगा योजनाएं यहां दम तोड़ रही है। पंचायत का इतिहास बुजुर्गों का कहना है कि बिट्रिश जमाने में इस इलाके में चारों ओर जंगल था, जहां हाथियों का झुंड निकलता था। सभी लोग इकट्ठा होकर हाथियों को भगाते थे। इसी बीच लोगों ने यहां का नाम हथिऔंधा रख दिया था। आज भी हथिऔंधा के नाम से जाना जाता हैं। आजादी के बाद पंचायत गठन होने पर यहां के मुखिया महरूम वली मुहम्मद बने थे। उन्होंने 24 वर्षों तक अपना कार्यकाल निभाया। इसके बाद पुन: पंचायती राज गठन के बाद महरूम बीबी नूरजहां, अखिलेश कुमार मुखिया पद पर सुशोभित रहे। इधर 2011 से शबरून निशा मुखिया पद पर कार्यरत हैं। अंग्रेजी शासनकाल के खानकाह में प्रत्येक वर्ष लगता हैं उर्स मेला प्रत्येक वर्ष मुहर्रम की दूसरी तारीख को खानकाह में उर्स का आयोजन किया जाता है। इसमें आसपास के इलाके सहित कई जिले से मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल होते हैं। खानकाह का निर्माण अंग्रेजी शासनकाल 1810 में हजरत लाल मुहम्मद साह रहमतुल्लाह ने कराया था। इसका संचालन मुजफ्फरपुर के पीर साहब हजरत अलहाज मुहम्मद मुसाहिद हसन सलामी कर रहे हैं। 1922 के भूकंप में क्षतिग्रस्त हुई थी मस्जिद हथिऔंधा के वार्ड आठ में महरूम मोकहम मियां ने ग्रामीणों के सहयोग से चंदा इकट्ठा कर वर्ष 1917 में पहली मस्जिद निर्माण कराया था, जिस वजह इस टोला का नामकरण मस्जिद टोला हो गया। वर्ष 1922 में भूकंप आने की वजह से मस्जिद क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से पुन: निर्माण कराया गया था। यद्यपि आज यहां 13 मस्जिद है।

हर घर नल का जल योजना का हाल है बेहाल

हथिऔंधा पंचायत के 19 वार्डों में सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट योजना हर घर नल का जल का हाल बेहाल है। सभी वार्डो में योजना का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। कई वार्ड में टंकी भी नहीं लग सकी है। वार्ड आठ में पानी चालू किया गया था, लेकिन लिकेज के कारण एक दिन भी नल तक पानी नहीं पहुंच सका। इस वजह से आजतक जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई है। इससे लोग परेशान हैं। स्वास्थ्य उपकेंद्र को नहीं है भूमि और भवन बिहारीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हथिऔंधा मौजा में भले ही अवस्थित है। लेकिन स्वास्थ्य उपकेंद्र हथिऔंधा का हाल बुरा है। पंचायत के मंडल टोला में एक निजी भवन में स्वास्थ्य उपकेंद्र बना दिया गया है। जहां न कभी चिकित्सक और न ही नर्स आते हैं। इस वजह से यहां के लोगों को बिहारीगंज पीएचसी का ही सहारा लेना पड़ता है।

मजदूरों को नहीं मिल रहा मनरेगा का लाभ कोरोना काल में काफी संख्या में मजदूर गांव आए थे। मजदूरों और कामगारों को लेकर सरकारी घोषणाएं तो हुई, लेकिन वे घोषणाएं धरातल पर दम तोड़ चुकी है। बाहर से आए लोगों के लिए मनरेगा समेत अन्य योजनाओं में रोजगार सृजन की बात कही गई। धरातल पर मजदूरों के हालात बदलते नहीं दिखाई दे रहे हैं। मजदूरों को मनरेगा योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इस वजह से मजदूरों बड़े शहरों को पलायन कर रहे हैं।

वार्ड 19 महादलित टोला में नहीं है मैट्रिक पास छात्रा हथिऔंधा पंचायत में एक हाई स्कूल सहित 13 विद्यालय हैं। इसमें पांच नवसृजित विद्यालय भूमि और भवन के अभाव में दूसरे विद्यालय में संचालित किया जा रहा है। विद्यालयों में शिक्षा- व्यवस्था बेहतर नहीं है। वार्ड 19 में एक भी बालिका मैट्रिक तक की पढ़ाई नहीं कर पाई है, जो शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है। कोट पंचायत का चहुंमुखी विकास हुआ है। गली-गली पीसीसी सड़क व नाला का निर्माण किया गया है। उद्योग-धंधों के अभाव में युवा वर्ग के लिए बेरोजगारी बड़ी समस्या है। यही वजह है कि पंचायत से अधिकांश युवा रोजगार के लिए बड़े शहर पलायन करते हैं, जबकि पंचायत में बिजली से लेकर सभी व्यवस्था शहरों जैसा हैं। सरकार की सभी योजनाएं धरातल पर उतरी है। मु. शकील उर्फ पुन्ना

मुखिया, प्रतिनिधि

हथिऔंधा पंचायत में विकास कार्य तो हुआ है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होने के कारण कई सड़के और नाला समय से पूर्व ही टूटने लगे हैं। ततमा टोला में शंभू दास के घर से उत्क्रमित मध्य विद्यालय ततमा टोला की सड़क जर्जर है। लाइट की व्यवस्था नहीं की गई है। मु. जिबराइल पंचायत के 70 फीसदी लोग कृषि पर निर्भर हैं। इसके बावजूद किसानों को सरकारी योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। इस क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग लगाया जाना चाहिए। ताकि किसान व मजदूरों को घर में ही रोजगार उपलब्ध हो सके। -चंदू मंडल हथिऔंधा पंचायत में शवदाह के लिए कोई स्थल नहीं रहने के कारण आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके लिए आजतक कोई भी जनप्रतिनिधि व पदाधिकारी ध्यान नहीं दिए हैं। इस महत्वपूर्ण बिदुओं पर ध्यान देने की जरूरत है। वहीं स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए भूमि और भवन की व्यवस्था की पहल करना चाहिए। -अभिषेक कुमार उर्फ मुन्ना दास

हथिऔंधा में मवेशी अस्पताल नहीं रहने के कारण पशु पालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पशु पालक स्थानीय चिकित्सक के सहारे इलाज कराते हैं। पशु अस्पताल बनाए जाने से मवेशी पालकों और किसानों को सुविधा मिलेगी। -कपिलदेव यादव कोरोना काल में शिक्षा में गिरावट आई है। बच्चों का पढ़ाई बाधित हुआ है। वहीं आमलोगों को सरकारी स्तर पर कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की जरूरत है। पंचायत में वेपर लाइट लगाने में गड़बड़ी की गई है। -नित्यानंद पासवान

पंचायत का विकास हुआ हैं, लेकिन आज के तकनीकी युग में पंचायत को वाई-फाई की सुविधा, पंचायत भवन में सभी तकनीकी सुविधा, आनलाइन सिस्टम, अत्याधुनिक स्वास्थ्य केंद्र सहित अन्य तकनीकी सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। -मु. रिजवान पंचायत की सड़कों व नालों की साफ-सफाई कराने की व्यवस्था होनी चाहिए। इंटरनेट की बेहतर सुविधा पंचायत भवन में कराने की जरूरत है। आधार कार्ड बनाने और सुधार कराने की सरकारी व्यवस्था की जरूरत है। इससे लोगों को इस समस्या से निजात मिल सकेगा। -प्रिस कुमार

मुखिया का दावा

मुखिया शबरून निशा का कहना है कि दस वर्षो से जनता का सहयोग मिला है। जनता के सहयोग से पंचायत को विकसित बनाने में जितना संभव हुआ कार्य किया गया है। इधर पांच वर्ष के कार्यकाल में पंचायत को तेजी से विकसित किया गया है। हथिऔंधा पंचायत में सात निश्चय योजना से लगभग छह करोड़ की राशि से पीसीसी सड़क और नाला निर्माण, 14 वीं और 15 वीं वित्त योजना से 231 एलईडी लाइट, एक कुंआ सहित 90 लाख का विकास कार्य, पंचम वित्त योजना से लगभग 95 लाख का विकास कार्य के अलावा अन्य विकासात्मक कार्य कराया गया है। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना से 650 लाभुकों की राशि, कबीर अंत्येष्टि योजना से 236 लाभुकों को लाभ दी गई है। किसानों को योजनाओं की जानकारी समय-समय पर दी जाती हैं। नल-जल योजना का हाल काफी खराब है। इसकी शिकायत स्थानीय पदाधिकारी से की गई है।

पंचायत एक नजर में प्रखंड: बिहारीगंज

पंचायत : हथिऔंधा

क्षेत्रफल : 04 किलोमीटर

आबादी : 26,731

मतदाता : 12,295

साक्षरता : 62 प्रतिशत

स्वास्थ्य उपकेंद्र : 01 (भूमि का अभाव)

हाई स्कूल : 01

मध्य विद्यालय : 05

प्राथमिक विद्यालय : 06

मदरसा : 01

शौचालय : 792 (प्रोत्साहन राशि प्राप्त)

मुख्य समस्या : शुद्ध पेयजल और सिचाई

रोजगार : कृषि व मजदूरी

पूर्व : सीमावर्ती पूर्णिया जिला

पश्चिम : बिहारीगंज

उत्तर : कुश्थन पंचायत

दक्षिण : मधुकरचक पंचायत

जनवितरण प्रणाली दुकान : 07

पशु चिकित्सालय : शून्य

पंचायत सरकार भवन : शून्य (भूमि का आभाव)

पौराणिक मंदिर : 01 (महर्षि मेंही दास)

पौराणिक मजार शरीफ : 01

मस्जिद : 13

दरगाह : 01

आंगनबाड़ी केंद्र : 17

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