दबे कुचले लोगों को अधिकार दिलाना जय शंकर का बना मकसद

मधेपुरा। समाज के दबे कुचले लोगों को संविधान का अधिकार दिलाना जय शंकर गुप्ता का मकसद बन गय

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 11:43 PM (IST) Updated:Sat, 15 Aug 2020 06:11 AM (IST)
दबे कुचले लोगों को अधिकार दिलाना जय शंकर का बना मकसद
दबे कुचले लोगों को अधिकार दिलाना जय शंकर का बना मकसद

मधेपुरा। समाज के दबे कुचले लोगों को संविधान का अधिकार दिलाना जय शंकर गुप्ता का मकसद बन गया है।

सामाजिक कार्यकर्ता जय शंकर का नाम सुनते ही सरकारी कार्यालयों के अधिकारी व कर्मचारियों को पसीना आने लगता है। समाज के दबे कुचले, शोषित, वंचित वर्ग के लोगों को संवैधानिक अधिकार दिलाना उनका मुख्य उद्देश्य है।

उन्होंने विगत 10 साल से क्षेत्र में सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में हजारों लोगों की मदद की है। समाज में भी इनकी पहचान स्थापित हो गई है। क्षेत्र में लोगों को परेशानी होती है तो वे इनके पास पहुंच जाते हैं। मूल रूप से गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत अरोही एकपरहा पंचायत के नया बाजार टोला निवासी विश्वनाथ गुप्ता व हीरा देवी के पुत्र जयशंकर गुप्ता वर्षो से युवाओं को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए आरटीआइ कार्यकर्ता की भूमिका में हैं। इस क्षेत्र में वह चाहे वृद्धा पेंशन का मामला हो या प्रधानमंत्री आवास योजना का समाज के दबे कुचले व पीड़ितों को सदा न्याय दिलाते आए हैं। यहीं नहीं उनके सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचना के तहत कई विभाग में लाखों रुपये के गबन का भी पर्दाफाश हो चुका है। कई मामलों में तो प्राथमिकी भी दर्ज हुई है। सूचना के अधिकार को उन्होंने क्रांति के रूप में लेकर कार्य प्रारंभ किया है।

वह बताते हैं कि संविधान के अधिकार से वंचित परिवार को न्याय दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता में शामिल है। पीड़ितों को न्याय दिलाने के बाद उन्हें सुकून मिलता है। खुशी का एहसास होता है। उन्होंने सड़क मरम्मत, निर्माण कार्य, कृषि कार्य, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए लाखों रुपये की गड़बड़ी को उजागर किया है। आज उसी का परिणाम है कि सरकारी कार्यालयों में लूट खसोट में थोड़ी बहुत कमी आई है।

समाज के युवा वर्ग में जयशंकर की बनी है एक अलग पहचान आम लोगों को खासकर युवाओं को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए जयशंकर गुप्ता निरंतर अग्रसर हैं। वे समाज के युवा वर्ग में एक अलग पहचान बना ली है। समाज में किसी को होने वाले समस्याओं पर वह निष्पक्ष रूप से कार्य करते हुआ जमीन विवाद, रास्ता विवाद, पीएम आवास योजना, मनरेगा योजनाओं सहित सभी सरकारी योजनाओं सहित में हो रही अनियमितताओं को आरटीआइ अधिनियम के तहत आवेदन लगाकर जनता को मामले की सच्चाई बताते हैं। वह संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लोगों को प्रेरित करते है और उचित संवैधानिक लाभ के लिए युवाओं के मार्गदर्शन देते हैं। स्थानीय स्तर पर गरीबों का उचित फैसला नहीं होने पर मुद्दे को अनुमंडल पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक व राज्य के पदाधिकारियों को सूचना देकर लोगों को संवैधानिक अधिकार दिलाते हैं। इसमें छात्रों को छात्रवृत्ति दिलाना हो या नामांकन में होने वाली समस्या हो या जमीन विवाद हो या थाने में प्राथमिकी या कृषि विभाग के अनुदान या वृद्धा पेंशन सहित हर तरह के सरकारी योजनाओं के मामले में अद्यतन जानकारी जे साथ लोगों का सहयोग करते हैं।

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