आपात स्थिति से निपटने के लिए कार्यालयों में मौजूद नहीं है साधन

मधेपुरा। अनुमंडल मुख्यालय के सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों स्कूलों निजी संस्थानों म

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 01:08 AM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 06:09 AM (IST)
आपात स्थिति से निपटने के लिए कार्यालयों में मौजूद नहीं है साधन
आपात स्थिति से निपटने के लिए कार्यालयों में मौजूद नहीं है साधन

मधेपुरा। अनुमंडल मुख्यालय के सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, निजी संस्थानों में आपात से निपटने के कोई साधन मौजूद नहीं है। आपात की स्थिति में फायर ब्रिगेड की टीम को ही बुलाना होता है। मुख्यालय के सरकारी कार्यालयों की बात करें तो अस्पताल को छोड़कर कहीं भी अग्निशमन संयंत्र की व्यवस्था नहीं है। अस्पताल में लगे संयंत्र भी महज शोभा बढ़ा रही है। जबकि आधा से अधिक सरकारी स्कूलों में अग्निशमन संयंत्र नहीं है। जिन स्कूलों में संयंत्र मौजूद है। वह भी बेकार पड़ा हुआ है। स्कूलों में लगे संयंत्र काम लायक नहीं रह गया है। मुख्यालय के बड़े बड़े निजी भवनों व संस्थानों में तो अग्निशमन संयंत्र लगाया ही नहीं गया। निजी नर्सिंग होम भी आपात की स्थिति से निपटने की व्यवस्थाएं नहीं है। जबकि अग्निशमन विभाग बिहार सरकार द्वारा हर कार्यालय और छोटे बड़े संस्थानों तथा घरों में संयंत्र लगाए जाने का निर्देश प्राप्त है। लेकिन इससे पड़े संयंत्र लगाने के प्रति अधिकारी व लोग जबावदेह नहीं दिख रहे हैं। विभाग की मानें तो लोग इसकी महत्ता को नहीं समझ पा रहे हैं। यहीं वजह कि आपातकाल की स्थिति में परेशानी बढ़ जाता है। जागरण टीम गुरुवार को मुख्यालय के दर्जन भर कार्यालय और सरकारी तथा गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों व निजी नर्सिंग होम का जायजा लिया। जायजा के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आया। मुख्यालय के प्रमुख किसी भी सरकारी कार्यालय में आग को बुझाने वाली संयंत्र नहीं दिखा। पूछने पर संबंधित विभाग के अधिकारी जरूरत के इन संसाधनों के बारे में टाल गए। पड़ताल के लिए जागरण टीम 1:12 बजे प्रखंड और अंचल कार्यालय पहुंचे जहां आग पर काबू पाने के लिए कोई साधन नहीं पाया। वहीं 1:19 बजे टीम थाना पहुंची। वहां भी कोई साधन मौजूद नहीं दिखे। वहां मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने हंसते हुए कहा कि आप पत्रकार लोग ध्यान देंगे तभी तो कोई व्यवस्था नजर आएंगी। वैसे उस पुलिस अधिकारी ने इस व्यवस्था को जरूरी बताया। जब टीम 2:03 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो स्थिति ठीक ठाक थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चार अलग अलग स्थानों पर संयंत्र लगा पाया। लेकिन पूछने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि अबतक इसके प्रयोग करने की जरूरत नहीं पड़ी। पड़ताल के लिए टीम आगे बढ़ी। जहां कई निजी नर्सिंग होम की स्थिति को खंगाला। पाया गया कि अधिकांश निजी नर्सिंग होम में अग्निशमन संयंत्र नहीं लगाए गए है। जहां लगी भी है तो महज शोभा बना हुआ है। पड़ताल के लिए टीम सरकारी स्कूलों में पहुंची। जहां पाया गया कि अधिकांश स्कूलों में संयंत्र लगा ही नहीं है। जहां लगा हुआ है। वह संयंत्र खराब पड़ा हुआ है। जिसे बदलने या रिफिलिग की जरूरत बताया गया। पूरे माजरे को समझने के लिए टीम फायर सब स्टेशन के कार्यालय पहुंची। जहां इस बिदु पर अग्निशमन प्रभारी ददन सिंह से बात की गई। उन्होंने बताया कि सरकारी हो या गैर सरकारी कार्यालय, संस्थान, स्कूल, नर्सिंग होम, निजी विद्यालयों, घरों में संयंत्र लगाना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने आदेश भी जारी किया। कई लोगों को नोटिस भी जारी किया। लेकिन लोग नजरअंदाज कर गए। जबकि विभाग द्वारा ऐसे में कार्रवाई का भी प्रावधान है।

chat bot
आपका साथी