बीएन मंडल विवि पर मंडरा रहा कर्मचारी विहीन होने का खतरा

मधेपुरा। बीएन मंडल विवि मुख्यालय में कार्यरत कर्मियों को दो दिनों के उच्च शिक्षा विभाग ने हट

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 06:16 PM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 06:16 PM (IST)
बीएन मंडल विवि पर मंडरा रहा कर्मचारी विहीन होने का खतरा
बीएन मंडल विवि पर मंडरा रहा कर्मचारी विहीन होने का खतरा

मधेपुरा। बीएन मंडल विवि मुख्यालय में कार्यरत कर्मियों को दो दिनों के उच्च शिक्षा विभाग ने हटाने का निर्देश दिया है। साथ ही विभाग ने विवि प्रशासन से कर्मचारियों की नियुक्ति निरस्त कर कार्यवाही प्रतिवेदन की मांग की है।

सरकार के हालिया निर्देश से अब बीएन मंडल विवि पर कर्मचारी विहीन होने का खतरा मंडरा रहा है। इससे पहले राज्य सरकार ने बीएन मंडल विवि मुख्यालय में कार्यरत कर्मियों की नियुक्ति को राज्य सरकार ने रद कर दिया था। नियुक्ति रद करने संबंधी राज्य सरकार से मिले निर्देश के आलोक में विवि प्रशासन ने कार्यरत कर्मचारियों को सूचनार्थ पत्र भी जारी कर दिया। परंतु आदेश के डेढ़ महीना बीतने के बाद नियुक्ति रद करने की अधिसूचना विवि ने जारी नहीं की। विवि प्रशासन की इस कार्यशैली से नाराज बिहार सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की निदेशक रेखा कुमारी ने फिर से कड़ा शब्दों में पत्र जारी कर दिया है। पत्र से विवि के वरीय पदाधिकारियों में खलबली मच गई। सरकार से मिले निर्देशों के आलोक में कार्रवाई शुरू कर दी है।

कर्मचारियों के हटाने से ठप हो जाएगा कामकाज

राज्य सरकार के निर्देश पर अगर कर्मचारियों को हटाए गया तो विवि सहित सभी कॉलेज के कामकाज पर असर पड़ेगा। पहले से ही कर्मियों की कमी झेल रहे विवि को इस कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। खास कर छात्रों का नामांकन, पंजीयन, परीक्षा और रिजल्ट का कार्य प्रभावित होगा। चूंकि विवि में कार्यरत 86 कर्मचारियों में 42 की नियुक्ति को सरकार ने पहले ही अवैध बता दिया था। साथ ही कहा था कि 86 में 42 कर्मियों की नियुक्ति का वैधानिकता का प्रमाण नहीं है। अब शेष 44 कर्मियों की नियुक्ति को भी सरकार ने निरस्त कर दिया है। डेढ़ महीने से राज्य सरकार के निर्देशों की अनदेखी कर रहा विवि विगत डेढ़ महीना से विवि प्रशासन राज्य सरकार से मिले निर्देशों की विवि प्रशासन अनदेखी कर रहा है। इससे पहले राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने 12 अप्रैल को ही विश्वविद्यालय मुख्यालय में बहाल 44 शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्ति को निरस्त करते हुए सशर्त अनुमोदन वापस ले लिया था। सशर्त अनुमोदन की वापसी का आदेश विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज के हस्ताक्षर से जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्ति में रोस्टर का पालन नहीं करने तथा तय शर्तों का उल्लंघन करने की वजह से यह अनुमोदन वापस लिया गया है। विदित हो कि विश्वविद्यालय के 68 सृजित पदों के विरूद्ध 44 शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति का शिक्षा विभाग से 15 नवंबर 2019 को सशर्त अनुमोदन लिया गया था। बाद में शिक्षा विभाग को शर्तों के उल्लंघन की शिकायत मिली। विभाग ने इसको लेकर जांच कमेटी गठित की और मामले की जांच कराई गई। कमेटी की जांच रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय से भी प्रतिवेदन की मांग की गई। कमेटी की जांच रिपोर्ट और विश्वविद्यालय के प्रतिवेदन की गहन समीक्षा की गई। इसमें पाया की 100 बिदु के आदर्श रोस्टर का पालन नहीं किया गया है। इसके साथ ही तय शर्तों का उल्लंघन किया गया है। इसी के मद्देनजर 15 नवंबर 2019 को बीएन मंडल विश्वविद्यालय को 44 शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति का सशर्त अनुमोदन वापस ले लिया गया।

66 की जगह 86 की नियुक्ति कर फंस गया विवि प्रशासन इससे पहले विवि प्रशासन ने 66 की जगह 86 कर्मियों की नियुक्ति 17 नवंबर 2017 में की थी। विवि की इस गलती का खामियाजा आज सभी कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। नियुक्ति के मामले में समय समय पर विवि प्रशासन ने सरकार को संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इस पर सरकार के उप सचिव ने पत्र के माध्यम से कहा कि राजेश्वर राय बनाम बिहार सरकार व अन्य के मामले में पारित न्यायदेश के आलोक में 68 पदों के विरुद्ध 44 कर्मियों की नियुक्ति की सहमति सशर्त दी जाती है। किसी शर्त का पालन नहीं होने पर वह वैधानिक नहीं माना जाएगा।

कोट उच्च शिक्षा विभाग (बिहार सरकार) के निदेशक रेखा कुमारी का पत्र विवि को मिला है। इस संबंध में विभाग से मिले निर्देश के आलोक में विवि अग्रतर कार्रवाई कर रहा है। विवि प्रशासन हर हाल में सोमवार को कार्यवाही का अनुपालन प्रतिवेदन उच्च शिक्षा विभाग को भेज देगा। -डॉ. कपिलदेव प्रसाद

कुलसचिव, बीएनएमयू

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