निवर्तमान प्रतिनिधि को सत्ता छीन जाने की सता रही चिता

संवाद सूत्र पुरैनी (मधेपुरा) जिले के 10 प्रखंडों में नौवें चरण का पंचायत चुनाव समाप्त हो गया

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 05:43 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 05:43 PM (IST)
निवर्तमान प्रतिनिधि को सत्ता छीन जाने की सता रही चिता
निवर्तमान प्रतिनिधि को सत्ता छीन जाने की सता रही चिता

संवाद सूत्र, पुरैनी (मधेपुरा) : जिले के 10 प्रखंडों में नौवें चरण का पंचायत चुनाव समाप्त हो गया है। अब दसवें चरण में आठ दिसंबर को पुरैनी व चौसा और 11वें व अंतिम चरण में 12 दिसंबर को आलमनगर प्रखंड में चुनाव होना है। प्रशासनिक दृष्टिकोण से यह तीनों प्रखंड काफी संवेदनशील है। पंचायत चुनाव में अबतक जिले के विभिन्न प्रखंडों में जो परिणाम आया है और जिस तरह अधिकांश निवर्तमान प्रतिनिधियों व विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े दिग्गजों को हार मिली है। इससे तीनों प्रखंडों के निवर्तमान प्रतिनिधियों की नींद उड़ी हुई है।

मालूम हो कि खासकर पूर्व के चुनाव में बाहुबल व दबंगई के बल पर सत्ता पाने में सफल हुए कतिपय प्रत्याशियों की बेचैनी इस चुनाव में साफ-साफ देखने को मिल रही है। इधर चुनाव प्रचार-प्रसार के चल रहे अंतिम दौर में पुरैनी प्रखंड क्षेत्र के सभी नौ पंचायतों में विभिन्न पदों से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों का शक्ति प्रदर्शन जोरदार तरीके से जारी है। इस बार के चुनाव में जिला परिषद सदस्य, मुखिया, सरपंच से लेकर पंचायत समिति सदस्य पद के लिए कई दिग्गज चुनाव मैदान में हैं।

कुरसंडी, सपरदह व औराय पर है सबकी नजर

प्रखंड क्षेत्र के कुरसंडी, सपरदह व औराय पंचायत पर सबकी नजर लगी है। कुरसंडी पंचायत से लगातार 30 वर्षों से आलमनगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले वर्तमान विधायक सह पूर्व मंत्री नरेंद्र नारायण यादव के भतीजे सह निवर्तमान मुखिया रजनीश कुमार उर्फ बबलू यादव फिर से चुनाव मैदान में हैं। इस बार उसे चिरपरिचित मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में रामप्रकाश उर्फ पमपम सिंह व कुंदन सिंह कड़ी टक्कर दे रहे हैं। जबकि सपरदह के निवर्तमान मुखिया कंचन देवी व औराय के निवर्तमान मुखिया बीबी सफीदन इस बार हैट्रिक पर है। लेकिन सपरदह में निवर्तमान मुखिया के खिलाफ अभ्यर्थियों की फौज खड़ी है। यहां सबसे अधिक 16 प्रत्याशी मुखिया के दौड़ में शामिल रहने से चुनावी जंग काफी उफान पर है। साथ ही औराय में निवर्तमान मुखिया सहित 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे रहकर होने वाले चुनाव को काफी दिलचस्प बना दिया है। नरदह व बंशगोपाल पंचायत में होगा महासंग्राम प्रखंड की नरदह व बंशगोपाल पंचायत सबसे अधिक संवेदनशील मानी जा रही है। अपराध व अपराधियों के गढ़ के रूप में बदनाम बंशगोपाल पंचायत से कपिलदेव सिंह व सुभाष मेहता ने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं निवर्तमान उप मुखिया लक्ष्मी देवी ने खुद चुनाव मैदान में उतरकर निवर्तमान मुखिया ममता कुमारी की परेशानी को काफी हद तक बढ़ा दिया है, जबकि नरदह पंचायत से जेल में बंद बिक्की मेहता ने अपने भाभी रीता कुमारी को चुनाव मैदान में उतारकर पूर्व मुखिया स्वर्गीय अनिल यादव की पत्नी सह निर्वतमान मुखिया नीलम देवी, व्यापार मंडल अध्यक्ष अमित कुमार लाल की पत्नी पिकी देवी, पूर्व मुखिया मु.मोबीन की पत्नी अजबुन खातून, भूतपूर्व मुखिया स्वर्गीय चमकलाल मेहता की पुत्रवधू रेणु देवी सहित छह प्रत्याशियों की नींद हराम कर दी है।

गणेशपुर व पुरैनी में होगा दिलचस्प मुकाबला गणेशपुर पंचायत में मुखिया पद के लिए मात्र दो प्रत्याशी के चुनाव मैदान में रहने से यहां लड़ाई आर-पार की हो गई है। दोनों के बीच इस बार काफी घमासान मचने की संभावना है। वर्ष 2016 के चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे अरूण कुमार दास निवर्तमान मुखिया मु.वाजिद को इस बार कड़ी टक्कर दे रहे हैं। जबकि मुख्यालय पंचायत पुरैनी में निवर्तमान मुखिया पवन कुमार केडिया की मुश्किलें भी बढ़ी हुई है। पूर्व के चिरपरिचित प्रतिद्वंद्वी पूर्व मुखिया करूणा देवी, रमण कुमार झा, कालीचरण साह सहित नए युवा प्रत्याशी विनोद कांबली निषाद उसे कड़ी टक्कर दे रहे हैं। बहरहाल मतदाताओं के खामोश रहने से सभी प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ी हुई है।

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