पंचायत चुनाव की सरगर्मी के बीच गांव छोड़कर मजदूर कर रहे पलायन
मधेपुरा। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार पुरैनी प्रखंड क्षेत्र में दसवें चरण में आठ दिसंब
मधेपुरा। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार पुरैनी प्रखंड क्षेत्र में दसवें चरण में आठ दिसंबर को पंचायत चुनाव होना तय है। आम मतदाताओं को पांच वर्ष बाद अपना पसंदीदा सरकार चुनने का सुनहरा अवसर मिल रहा है, लेकिन पेट की आग व पारिवारिक जिम्मेदारी के आगे मजबूर होकर प्रखंड क्षेत्र से प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में यहां के स्थानीय मजदूर दूसरे राज्य की ओर पलायन कर रहे हैं। लिहाजा होने वाले पंचायत चुनाव में मतदान के प्रतिशत में गिरावट होने की संभावना प्रतीत होने लगी है।
मालूम हो कि प्रखंड क्षेत्र से लगातार बाहर जाने वाले मजदूरों का दूसरे राज्यों में मजदूरी कर तत्कालीन परेशानी तो मिट जाएगी। लेकिन वे होने वाले पंचायत चुनाव में अपने मताधिकार से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में प्रखंड क्षेत्र के हर पंचायतों में मतदान का प्रतिशत कम होने की संभावना बनती जा रही है। जबकि स्थानीय प्रशासन आम मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए लगातार जागरूक करने के प्रयास में जुटी है। वहीं दूसरी ओर मजदूरों का दूसरे प्रदेश में पलायन सरकार व स्थानीय प्रशासन के इस अभियान को कमजोर कर तुली है। गौरतलब हो कि विभिन्न पंचायतों के गांव-टोलों के दलाल दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, बंगाल आदि राज्यों से सीधे आरामदायक बस मंगवा कर यहां से मजदूरों को भेज रहे हैं। दलाल इन मजदूरों को घर खर्ची के लिए पांच से दस हजार रुपये अग्रिम भी दे रहे हैं। रविवार को पंजाब व हरियाणा मजदूरी करने जा रहे प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों मजदूरों ने बताया कि यहां महीनों से काम नही मिलने से वे लोग बेरोजगार हो गए हैं। यहां फिलहाल कोई काम भी नहीं है। बढ़ती मंहगाई के बीच घर खर्ची चलाने में काफी परेशानी हो रही है। इस कारण पारिवारिक दायित्व का निर्वहन नहीं हो पा रहा है। मजदूरों ने बताया कि यहां वोट गिराने के चक्कर में उनलोगों के परिवार व बच्चे कोई त्योहार नहीं माना पाएगा। इसलिए बाहर मजदूरी करने जाना अतिआवश्यक व मजबूरी बन गई है। इस बाबत प्रखंड विकास पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने कहा कि सरकारी स्तर से यहां मनरेगा योजना के तहत जाब कार्डधारी मजदूरों को काम दिया जाता है। लेकिन बारिश का मौसम रहने की वजह से फिलहाल मनरेगा योजना का संचालन नहीं किया जा रहा है। आसन्न पंचायत चुनाव में आमलोगों को वोट की महत्ता व हर-हाल में मतदान करने के लिए स्थानीय प्रशासनिक स्तर से लगातार जागरूक किया जा रहा है। लेकिन इस प्रकार लोगों का बाहर पलायन करना निश्चित रूप से वोट प्रतिशत को प्रभावित करेगा। बीडीओ ने कहा कि वरीय अधिकारियों के निर्देश पर ही लोगों के पलायन को रोकने की कार्रवाई की जा सकती है।