पंचायत चुनाव में निवर्तमान के साथ पुराने व नए प्रत्याशी होंगे आमने-सामने

मधेपुरा। प्रखंड क्षेत्र में 10 वें चरण में आगामी आठ दिसंबर को होने वाले पंचायत चुनाव को लेक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 12:00 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 12:00 AM (IST)
पंचायत चुनाव में निवर्तमान के साथ पुराने व नए प्रत्याशी होंगे आमने-सामने
पंचायत चुनाव में निवर्तमान के साथ पुराने व नए प्रत्याशी होंगे आमने-सामने

मधेपुरा। प्रखंड क्षेत्र में 10 वें चरण में आगामी आठ दिसंबर को होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर विभिन्न पदों के संभावित प्रत्याशियों की चहलकदमी तेज हो गई है। भावी प्रत्याशी आगामी चुनाव की तैयारी के लिए रणनीति भी बना रहे हैं। कोई मुखिया पद के लिए अपनी दावेदारी सुनिश्चित करने के लिए आम लोगों का मन टटोल रहे हैं तो कोई सरपंच पंचायत समिति सदस्य पद पर काबिज होने की तैयारी की जुगत में लगे हुए हैं। जबकि कुछ लोगों की निगाहें प्रखंड प्रमुख की कुर्सी की ओर भी लगी है।

मालूम हो कि निवर्तमान जनप्रतिनिधियों से लेकर पुराने दावेदार के बीच जहां नए-नए दावेदार भी सामने आने लगे हैं। वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी पंचायत चुनाव के दंगल में कूदने को तैयार है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसका सीधा असर विकास के मुद्दे पर किया जा रहा है। खासकर महिला व युवा वोटर इस बार प्रत्याशी को करारा जवाब देने के लिए तैयार है। प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में ईमानदार व कर्मठ प्रत्याशी को मत देने की चर्चाएं हो रही है। युवा मतदाताओं का कहना है कि उम्मीदवार चुनाव के समय तो जनता को अपनी लुभावनी बातों में लाकर वोट ले लेते हैं। प्रतिनिधि बनने के बाद वे चापलूस,दलाल व बिचौलिए के बीच घिर जाते हैं। किसी भी कार्य को लेकर प्रतिनिधि के दरवाजे पर जाने से पहले ऐसे लोगों से संपर्क करना पड़ता है। वहीं महिला मतदाताओं का साफ शब्दों में कहना है कि हमलोग प्रत्येक पंचायत चुनाव में एक ईमानदार व्यक्ति को चयनित कर प्रतिनिधि बनाते हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनता से किए गए हर वादे भूल जाते हैं। वैसे जनप्रतिनिधि का चयन इस बार पंचायत में नहीं किया जाएगा। जबकि आम मतदाताओं का कहना है कि चुनाव में चुने गए प्रतिनिधियों को सिर्फ सरकारी योजना छोड़कर कुछ भी दिखाई नहीं देता है। दशकों पूर्व पंचायत चुनाव में चुने गए मुखिया पंचायत में उत्कृष्ट कार्य किया करते थे। जबकि पहले की सरकार के द्वारा उन्हें इतनी योजनाएं व राशि भी नहीं मिलता था। बुजुर्ग महिलाएं व बुजुर्ग लोग सीधे तौर पर कहते हैं कि पहले के जनप्रतिनिधि सम्मानीय होते थे। परंतु वर्तमान काल के जनप्रतिनिधि माननीय होते हैं। पुरैनी प्रखंड क्षेत्र के सभी नौ पंचायतों में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी काफी तेज हो गई है। प्रत्याशी गांव मोहल्ले में घूमना शुरू कर दिए हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का कहना है कि जो प्रत्याशी अभी से ही पानी की तरह पैसा खर्च कर रहे हैं। वह चुनाव जीतने के बाद पंचायत क्षेत्र का कितना विकास करेंगे।

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