शौचायल घोटाला : लाभुक को पता नहीं निकल गई है राशि

------------------------------- नंदन कुमार, संवाद सूत्र, गम्हरिया(मधेपुरा) : यहां लूट की छ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Dec 2018 01:25 AM (IST) Updated:Tue, 18 Dec 2018 01:25 AM (IST)
शौचायल घोटाला : लाभुक को पता नहीं निकल गई है राशि
शौचायल घोटाला : लाभुक को पता नहीं निकल गई है राशि

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नंदन कुमार, संवाद सूत्र, गम्हरिया(मधेपुरा) : यहां लूट की छूट है। नया मामला शौचालय की राशि में हुई बंदरबांट का सामने आया है। गम्हरिया प्रखंड में जमकर लूट मचाई गई है। कितनी राशि की फर्जी ढंग से निकासी हुई है यह तो स्पष्ट पता नहीं चल पा रहा है। लेकिन जांच हो तो एक करोड़ से भी अधिक राशि की फर्जी निकासी सामने आएगा। मामला वर्ष 2011 से 2015 के बीच का है। सिर्फ गम्हरिया पंचायत में ही 1579 लाभार्थी के नाम से शौचालय की राशि का भुगतान एनजीओ के माध्यम से किया गया है। इसमें 1085 ऐसे लाभार्थी है जिनके नाम से 55 सौ की राशि की निकासी कर लिया गया है। राशि लाभुकों को न देकर आपस में बंदरबांट कर लिया गया है। अगर पूरे प्रखंड की जांच हो तो काफी मामले उजागर होंगे।

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शौचालय राशि की मांग पर खुला मामला

गम्हरिया के शंभू भगत, मानकी देवी, ललिया देवी, रीता देवी, माधुरी देवी, गोपाल साह, रामकुमार, शंकर यादव, आरीफ हुसैन, महेन्द्र यादव, बिनोद कुमार आदि ने जब शौचालय निर्माण कर राशि के लिए आवेदन किया तो पता चला कि उनके नाम से पहले ही राशि की निकासी हो गई है। इन लोगों का कहना था कि पहले कभी भी राशि नहीं मिला है। न ही उन्होंने कभी आवेदन दिया है। आखिर राशि किसने निकाली। मामला खुलने के बाद मैनेज करने में काफी लोग लग गए हैं।

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वित्तीय वर्ष 2011 से 20015 के बीच हुई है निकासी

वर्ष 2011-12 से लेकर 2014-15 तक जमकर शौचालय के नाम पर फर्जी ढंग से निकासी की गई है। उस समय पीएचइडी विभाग की ओर से शौचालय के लिए राशि दी जाती थी। एनजीओ के माध्यम से शौचालय निर्माण का कार्य करवाया जाता था। एनजीओ और पीएचइडी के अधिकारी के मिली भगत से गांव के लोगों के नाम से शौचालय निर्माण की राशि का उठाव कर बंटरबांट किया गया। शौचालय निर्माण में लगे ऐजेंसी ने गांव का एपीएल और बीपीएल सूची के आधार पर लाभुकों की सूची बना ली। उसके बाद प्रत्येक लाभुक के नाम से 55 सौ की राशि का उठाव कर लिया। इसकी जानकारी भी लाभुक को नहीं मिल पाई। यही नहीं धरातल पर एक भी शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया।

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इस प्रकार का कई मामला उनके भी संज्ञान में आया है। शिकायत की जांच हेागी। जांच के बाद दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।

अजीत कुमार

प्रखंड विकास पदाधिकारी

गम्हरिया, मधेपुरा

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