अक्षय नवमी के अवसर पर आंवला के वृक्ष की हुई पूजा

संवाद सूत्र,पुरैनी (मधेपुरा): प्रखंड क्षेत्र में अक्षय नवमी के मौके पर बुधवार को श्रद्धालुओं ने पय

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 01:14 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 01:14 AM (IST)
अक्षय नवमी के अवसर पर आंवला के वृक्ष की हुई पूजा
अक्षय नवमी के अवसर पर आंवला के वृक्ष की हुई पूजा

संवाद सूत्र,पुरैनी (मधेपुरा): प्रखंड क्षेत्र में अक्षय नवमी के मौके पर बुधवार को श्रद्धालुओं ने पर्यावरण के प्रति अगाध प्रेम, श्रद्धा, विश्वास एवं प्राचीन परंपरा के निर्वहन को लेकर श्रद्धापूर्वक आंवले की वृक्ष की पूजा अर्चना की। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को श्रद्धालुओं के बीच अक्षयवट पूजा की प्राचीन परंपरा रही है। कोसी एंव मिथिलांचल में इस पर्व की काफी महत्ता है। अक्षयवट पूजा को लेकर आमजनों के अलावा महिलाओं एवं युवतियों मे खासा उत्साह देखा गया। इस अवसर पर महिलाओं द्वारा आंवले के वृक्ष के नीचे दीप जलाकर भक्ति भावना एवं विधि विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा अर्चना वैदिक रीति रिवाज के साथ की जाती है। तत्पश्चात वृक्ष के नीचे मिट्टी निर्मित चूल्हे पर विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट शाकाहारी व्यंजन तैयार कर भगवान विष्णु का संस्मरण करते हुए अपने व अपने परिवार, सगे-संबंधी की सदैव रक्षा की कामना करती है। साथ ही अपने परिजनों, सगे-संबंधी, मित्रों को श्रद्धापूर्वक आमंत्रित कर वृक्ष के नीचे सामूहिक रूप से प्रसाद स्वरूप भोज का आयोजन कर उसे भोजन कराया जाता है। कहा जाता है कि अक्षय नवमी के दिन आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करने से जहां समाजिक जीवन जीने की सीख मिलती है। वहीं प्रकृति से प्रेम करने की भी प्रेरणा मिलती है। इस दौरान महिलाएं एवं युवतियां भगवान विष्णु की आराधना पर आधारित लोकगीत गाकर इसकी महत्ता का भी गुणगान करती है। अक्षय नवमी के मौके पर दीन-हीन दु:खियों के बीच दान-पुण्य करने का भी रिवाज है। प्रखंड क्षेत्र के खासकर ग्रामीण इलाके में शनिवार को काफी उत्सवी माहौल देखा गया।

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