होम आइसोलेशन रहने वाले संक्रमित चिकित्सक से लेते रहें सलाह

मधेपुरा। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमण का स्वरूप काफी बदला हुआ देखने को मिल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 05:29 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 05:29 PM (IST)
होम आइसोलेशन रहने वाले संक्रमित चिकित्सक से लेते रहें सलाह
होम आइसोलेशन रहने वाले संक्रमित चिकित्सक से लेते रहें सलाह

मधेपुरा। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमण का स्वरूप काफी बदला हुआ देखने को मिल रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने होम आइसोलेशन के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें होम आइसोलेशन में मरीजों द्वारा ध्यान देने योग्य बातें, मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों के लिए सलाह, चिकित्सकीय सलाह एवं अस्पताल में भर्ती होने की परिस्थिति सहित होम आइसोलेशन में जरूरी इलाज आदि बातों की विस्तार से जानकारी दी गई है।

स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय की गाइडलाइन में बुखार, कफ, खांसी, नाक बहना या बदं होना, सिरदर्द, थकान माइल्ड लक्षण वाले रोगी या बिना लक्षण (असिम्टोमेटिक) वाले रोगियों को ही होम आइसोलेशन के लिए योग्य माना गया है। गाइडलाइन में कहा गया है कि चिकित्सकों द्वारा कोरोना संक्रमित मरीज में माइल्ड अथवा बिना लक्षणों की पुष्टि किये जाने के बाद रोगी को होम आइसोलेशन में रहना चाहिए। सेल्फ आइसोलेशन के दौरान ऐसे रोगियों के साथ एक देखभाल करने वाला भी मौजूद रहना चाहिए। होम आइसोलेशन के दौरान रोगी के स्वास्थ्य के निगरानी व अद्यतन जानकारी देने के लिए देखभाल करने वाले को अस्पताल के साथ संवाद बनाए रखना बहुत जरूरी है। वैसे कोविड मरीज जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है तथा हाइपरटेंशन, मधुमेह तथा लंग, लीवर, किडनी तथा तंत्रिका तंत्र से जुड़े गंभीर रोग से ग्रसित हैं उन्हें चिकित्सकों के निर्देश एवं सलाह के बाद ही होम आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए।

गाइडलाइन में चर्चा है कि होम आइसोलेशन के दौरान रेमडेसिविर का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए। वैसे रोगी जिनका अंग प्रत्यारोपण हुआ हो, एचआइवी ग्रसित हों या फिर कैंसर थेरेपी आदि हुआ है। उन्हें होम आइसोलेशन में नहीं रखा जाना चाहिए। ऐसे मरीजों की सभी चिकित्सीय जांच के बाद ही होम आइसोलेशन में रखे जाने की सलाह दी जाएगी। कोविड रोगी के देखभाल करने वाले व उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों को तीन लेयर वाले मास्क का प्रयोग करना होगा। कोविड रोगी एवं देखभाल करने वालों के लिए निर्देश : गाइडलाइन में कोविड रोगी को घर के एक कमरे में रहने तथा विशेषतौर पर परिवार में मौजूद गंभीर रोगों से ग्रसित लोगों से दूरी बनाकर रहने के लिए कहा गया है। साथ ही कमरे में पर्याप्त स्वच्छ हवा की मौजूदगी एवं इसके लिए वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखने की सलाह दी गई है। कमरे में देखभाल करने वाले एवं रोगी को तीन लेयर के मास्क को अधिकतम आठ घंटे तक इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। मास्क के भींग जाने के बाद उसे तुरंत बदल देने की आवश्यकता है। मरीज की देखरेख करने वालों को मरीज से शारीरिक दूरी, नियमित अन्तराल पर हाथों की सफाई एवं रोगी के द्वारा इस्तेमाल की जा रही चीजों का घर के अन्य सदस्यों से दूर रखने की हिदायत दी गई है। गाइडलाइन में मास्क एवं अन्य चीजों के सुरक्षित डिस्पोजल की भी सलाह दी गई है। चिकित्सकीय सलाह है काफी जरुरी : सांस लेने में तकलीफ होने पर,ऑक्सीजन का स्तर 94 से कम होने पर, छाती में लगातार दर्द का बने रहना या अचानक बढ़ जाने पर, मानसिक रूप से अधिक परेशान होने पर अस्पताल जाकर चिकित्सकीय सलाह लेना काफी जरूरी है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को रेमेडेसिवीर इंजेक्शन इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी गई है। 10 दिनों में सही देखभाल से आइसोलेशन से बाहर

होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगी 10 दिनों के बाद बाहर आ सकते है। होम आइसोलेशन से बाहर आने के बाद जांच की आवश्यकता नही है। होम आइसोलेशन के दौरान मरीज को अधिक से अधिक आराम करने की जरूरत है। साथ ही भरपूर मात्रा में पानी पीकर शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ाकर रखनी चाहिए। श्वसन संबंधी सुरक्षा एवं व्यवहार के नियमों का पालन कर साबुन पानी से हाथों को नियमित रूप से 40 सेकेंड तक अवश्य धोएं। व्यक्तिगत इस्तेमाल वाली चीजें साझा नहीं करें। मरीज के कमरे, टेबल,दरवाजे आदि को हाइपोक्लोराइट से हमेशा साफ करनी चाहिए। कोरोना के माइल्ड लक्षण वाले मरीजों को अपने शरीर के ऑक्सीजन स्तर की हमेशा निगरानी करते रहना चाहिए।

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