रामनाम का स्मरण कराता है भवसागर पार : रामानंदन दास

संसू.बड़हिया (लखीसराय) मां बाला त्रिपुर सुंदरी सत्संग समिति के तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 08:21 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:21 PM (IST)
रामनाम का स्मरण कराता है भवसागर पार : रामानंदन दास
रामनाम का स्मरण कराता है भवसागर पार : रामानंदन दास

संसू.,बड़हिया (लखीसराय) : मां बाला त्रिपुर सुंदरी सत्संग समिति के तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय राम कथा समारोह का समापन सोमवार को हो गया। महावीर जी मंदिर बड़हिया परिसर में राम कथा में अयोध्या से पधारे मुख्य कथा वाचक रामनंदन दास जी महाराज ने कहा कि भगवान के कथा श्रवण से मनुष्य के शरीर में ज्ञान की उत्पत्ति होती है। इससे तन, मन में शुद्धता आती है। कलियुग में रामनाम का स्मरण इस भवसागर से पार करने वाला है। समाज के प्रत्येक वर्ग को जोड़ने वाले राम है। रामदर्शन मात्र से ही शांति मिलती है, परंतु साधना शुद्ध होनी चाहिए। उन्होंने कथा में अयोध्या का वर्णन करते हुए कहा कि राजा दशरथ चाहते हैं कि श्रीराम का राज्याभिषेक हो जाए। उन्होंने अपने गुरु वशिष्ठ से राज्याभिषेक का तैयारी के लिए कहते हैं। इससे सभी देवता व्याकुल हो उठते हैं और माता सरस्वती से प्रार्थना करते हैं कि मंथरा की बुद्धि को भ्रमित कर दे, क्योंकि अगर श्री राम राज्य कार्य करने लगेंगे तो राक्षसों का वध कौन करेगा। मंथरा कैकेयी को राजा द्वारा दिए गए वचनों को याद दिलाती है और कैकेयी राजा दशरथ को जाकर इन्हीं वचनों को याद दिलाती है। वह राम को वनवास और भरत को राज्य सौंपने की जिद करती है। इसके बाद राजा दशरथ दबाव में आकर मान जाते हैं और श्रीराम को न चाहते हुए भी वनवास जाने का आदेश दे देते हैं। कथा वाचक ने राम का वन गमन, सीता हरण, रावण वध के बाद राम के अयोध्या लौटने पर उनके राज्याभिषेक का सुंदर चित्रण किया। रामनंदन दास के पूर्व कथा वाचक मनोहर दास ने भरत चरित्र, केदार दास ने अयोध्या की महत्ता एवं गुरुदासानंद जी ने रामराज्य का वर्णन किया। इस मौके पर प्रो शंभु शरण शर्मा, रामप्रवेश कुमार, राजू कुमार, नरेंद्र कुमार सहित सैकड़ों महिला पुरुष श्रद्धालु मौजूद थे।

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