राम राज में आदर्शवाद व राष्ट्रधर्म था सर्वोपरि : यशोमति सिंह

लखीसराय । बड़हिया नगर स्थित नरसिंह भौरिया ठाकुरबाड़ी इंदुपुर ताजपुर में आयोजित रामकथा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 07:41 PM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 07:41 PM (IST)
राम राज में आदर्शवाद व राष्ट्रधर्म था सर्वोपरि : यशोमति सिंह
राम राज में आदर्शवाद व राष्ट्रधर्म था सर्वोपरि : यशोमति सिंह

लखीसराय । बड़हिया नगर स्थित नरसिंह भौरिया ठाकुरबाड़ी इंदुपुर ताजपुर में आयोजित रामकथा के अंतिम दिन सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कथा का शुभारंभ गायक पंकज भारद्वाज के मंगलाचरण से किया गया। ख्याति प्राप्त रामकथा वाचिका यशोमति सिंह ने रामचरित मानस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए वीर हनुमान, सुग्रीव, रावण, मंदोदरी, विभीषण आदि की विस्तृत चर्चा करते हुए श्री राम के राज्याभिषेक का सुंदर चित्रण किया। उन्होंने कहा कि रघुकुल में राजा रघु, राजा दिलीप, राजा दशरथ आदि कई प्रतापी राजा हुए लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जैसा कोई नहीं हुए। रामराज्य में कहने को तो राजतंत्र था लेकिन सारी प्रजा के प्रति एक जैसा व्यवहार, एक जैसा सम्मान होता था। उनके राज में आदर्शवाद था। राष्ट्रधर्म सर्वोपरि था। यही कारण है कि राम राज को आदर्श राज की उपाधि मिली है। महात्मा गांधी का यह सपना था कि भारत में राम राज की स्थापना हो। आज स्वतंत्रता प्राप्ति के इतने वर्षों के बाद भी राम राज की स्थापना नहीं हो सकी है। इसका मुख्य कारण है कि लोग श्री राम के चरित्र को पूर्णरूपेण समझ नहीं सके। राम के चरित्र को समझकर अपने जीवन में उतारना एवं दूसरे को समझाना हमारा कर्तव्य बनता है। श्रीराम के जितने भी चरित्र हैं सबकी अपनी अपनी विशिष्टता है। उनके सभी चरित्रों में यह खोजना है कि हम उसमें कहां हैं, कैसे हैं तथा उसके अनुसार हमें कैसे रहना चाहिए। यही राम कथा कहने और सुनने की सार्थकता है। कथा के अंतिम दिन धन्यवाद ज्ञापन मंच के संचालक प्रधानाध्यापक रामविलास कुमार एवं प्रार्थना मंडल के संयोजक बमशंकर द्वारा किया गया। इस मौके पर राम कथा के आयोजक प्रार्थना मंडल इंदुपुर के सदस्यों सहित सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालु उपस्थित थे।

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