दलालों के कब्जे में सदर अस्पताल, कटघरे में विभाग
लखीसराय । जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल लखीसराय के आसपास नर्सिंग होम की बाढ़ आ गई है। करी
लखीसराय । जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल लखीसराय के आसपास नर्सिंग होम की बाढ़ आ गई है। करीब तीन दर्जन से अधिक निजी नर्सिंग होम खुले हैं। जहां बड़े बड़े विशेषज्ञ डाक्टर का नाम उनकी डिग्री के साथ बड़े होडिग में लिखा है। लेकिन इन नर्सिंग होम के अंदर मरीजों का इलाज करने वाले डाक्टर कोई और ही रहते हैं। मतलब डाक्टर का नाम और डिग्री का बोर्ड लगाकर मरीजों का आर्थिक दोहन के साथ उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। शुक्रवार की रात शहर के कचहरी चौक स्थित साईं सेवा सदन नर्सिंग होम में बिलोरी निवासी शंकर महतो की पुत्री प्रसूता शीलम कुमारी की आपरेशन के दौरान हुई मौत की घटना ने कई सवाल खड़ा कर दिया है। इस नर्सिंग होम में लटके बोर्ड में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. विपिन कुमार के अलावा मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. एएन प्रसाद, जेनरल फिजिशयन डा. एस प्रसाद, स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टर प्रियंका, हड्डी रोग विशेषज्ञ डाक्टर जे कुमार का नाम लिखा हुआ है। बताया जाता है नर्सिंग होम के संचालक नामी डाक्टर का नाम अपने नर्सिंग होम में शामिल करने के एवज में कमाई का एक हिस्सा देते हैं। हालांकि सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा विपीन कुमार ने बताया कि मेरा नाम किसी नर्सिंग होम के बोर्ड में लिखा गया है इसकी जानकारी मुझे नहीं है। इस घटना का सीधा तार सदर अस्पताल लखीसराय से जुड़ा हुआ है। जहां प्रसूता शीलम कुमारी जब सदर अस्पताल इलाज के लिए गई तो वहां की नर्स और आशा कार्यकर्ता ने उसे बरगलाकर घर जाने की सलाह दी और जैसे ही शीलम सदर अस्पताल से बाहर निकली वहीं बाहर खड़े साईं सेवा सदन नर्सिंग होम के दलाल ने उसे बेहतर इलाज का झांसा देकर अपने नर्सिंग होम में भर्ती कर लिया। जहां उसकी मौत हो गई। सिविल सर्जन डा देवेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि प्रसूता शीलम कुमारी की निजी नर्सिंग होम में मौत होने की जानकारी मिली है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. विपिन कुमार, डा. कुमार अमित सहित तीन डाक्टर की टीम द्वारा पोस्टमार्टम कराया गया है। पूरी घटना की जांच कराई जा रही है।