बड़हिया के चुनावी दंगल में धनबल से कुर्सी पाने के लिए घमासान

जिले के पांच प्रखंडों में आठवें चरण का पंचायत चुनाव समाप्त हो गया है। अब नौवें चरण में बड़हिया और 10वें चरण में पिपरिया प्रखंड में चुनाव होना है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 05:46 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 05:46 PM (IST)
बड़हिया के चुनावी दंगल में धनबल से कुर्सी पाने के लिए घमासान
बड़हिया के चुनावी दंगल में धनबल से कुर्सी पाने के लिए घमासान

संवाद सहयोगी, लखीसराय। जिले के पांच प्रखंडों में आठवें चरण का पंचायत चुनाव समाप्त हो गया है। अब नौवें चरण में बड़हिया और 10वें चरण में पिपरिया प्रखंड में चुनाव होना है। प्रशासनिक ²ष्टिकोण से यह दोनों प्रखंड काफी संवेदनशील है। पंचायत चुनाव में अबतक जो परिणाम आया है और जिस तरह अधिकांश निवर्तमान प्रतिनिधियों और विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े दिग्गजों को हार मिली है उससे इन दोनों प्रखंडों के निवर्तमान प्रतिनिधियों की नींद उड़ी हुई है। खासकर बाहुबल और दबंगई के बल पर सत्ता पाने में सफल हुए कतिपय अभ्यर्थियों की बेचैनी इस चुनाव में साफ देखने को मिल रही है। शनिवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बड़हिया की पंचायतों में अभ्यर्थियों ने अपनी शक्ति का जोरदार प्रदर्शन किया।

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खुटहा पूर्वी और खुटहा पश्चिमी पंचायत में होगा महासंग्राम जिले का सबसे अधिक संवेदनशील बड़हिया प्रखंड ही है। यहां की नौ पंचायतों में 29 नवंबर को और पिपरिया प्रखंड की पांच पंचायतों में आठ दिसंबर को चुनाव होना है। मुखिया, सरपंच से लेकर जिला परिषद पद के लिए कई दिग्गज मैदान में हैं। अपराध और अपराधियों के गढ़ के रूप में बदनाम बड़हिया के दियारा क्षेत्र में खुटहा पूर्वी पंचायत से बाहुबली अवधि सिंह की पत्नी निर्वतमान मुखिया पिकी देवी के खिलाफ इस बार स्व. अरुण कुमार सिंह उर्फ खिखर सिंह की पत्नी चंदा देवी, अरविद सिंह उर्फ पुतली सिंह की पत्नी करुणा देवी सहित चार अभ्यर्थी मुखिया पद का चुनाव लड़ रहे हैं। खास बात यह है कि बाहुबली अवधि सिंह खिखर सिंह के सहारे ही अबतक अपनी पत्नी पिकी देवी को मुखिया का ताज पहनाने में सफल रहे। इस बार खिखर सिंह की पत्नी चंदा देवी ने खुद पिकी देवी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके अलावे पुतली सिंह ने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में लाकर बाहुबली अवधि सिंह की बेचैनी बढ़ा दी है। खुटहा पश्चिमी पंचायत में निवर्तमान मुखिया कंचन देवी की मुश्किलें बढ़ी हुई है। गांव के ही पांच अन्य महिला अभ्यर्थी मैदान में है। इसी तरह जैतपुर पंचायत में सबसे अधिक 12 अभ्यर्थी मुखिया के दौड़ में शामिल हैं। लक्ष्मीपुर पंचायत में मुखिया के लिए मात्र दो अभ्यर्थी आरती देवी और राजेश कुमार के बीच घमासान है। टाल क्षेत्र के गिरधरपुर, डुमरी पंचायत भी काफी संवेदनशील है जहां चुनावी जंग उफान पर है। निवर्तमान मुखिया के खिलाफ अभ्यर्थियों की फौज खड़ी है। मतदाता खामोश हैं। इस कारण अभ्यर्थियों की बेचैनी बढ़ी हुई है। सत्ता छीन जाने की चिता उन्हें सता रही है।

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