महंगाई बम से पटाखा बाजार में पसरा है सन्नाटा

लखीसराय। दीपावली को लेकर लखीसराय शहर पटाखा बाजार के लिए काफी गुलजार रहता था लेकिन पिछले दो वर्षों मे

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 06:47 PM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 06:47 PM (IST)
महंगाई बम से पटाखा बाजार में पसरा है सन्नाटा
महंगाई बम से पटाखा बाजार में पसरा है सन्नाटा

लखीसराय। दीपावली को लेकर लखीसराय शहर पटाखा बाजार के लिए काफी गुलजार रहता था लेकिन पिछले दो वर्षों में कोरोना संकट ने पटाखा बाजार में सूनापन ला दिया है। स्थिति यह है की लगातार पटाखों की कीमतों में 15 से 20 फीसद की बढ़ोत्तरी के कारण पटाखा बाजार ध्वस्त हो गया है। इसका असर शहर में साफ दिख रहा है। दीपावली में गिनती के कुछ दिन शेष बचे हैं। शहर में इक्का-दुक्का दुकानदारों को छोड़ कहीं भी पटाखा की दुकानें अबतक नहीं सजी है। बताया जाता है कि पटाखा की कीमतों में तेजी से बढ़ोत्तरी और बढ़ती महंगाई के कारण बिक्री भी प्रभावित हुई है। इसलिए इस कारोबार से दुकानदार विमुख हो रहे हैं। दुकानदारों की मानें तो लागत पूंजी भी नहीं निकल पा रही है। कोरोना और लाकडाउन ने पटाखा कारोबार को प्रभावित किया है। लोग अब फिजूलखर्ची रोकने के प्रति पहले से अधिक जागरूक हो गए हैं। जिला प्रशासन ने अबतक दीपावली में पटाखों की बिक्री को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है।

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शहर में घटता जा रहा पटाखा का कारोबार

लखीसराय शहर में मुख्य रूप से पटना सिटी से लाकर थोक एवं खुदरा पटाखों की बिक्री होती रही है। दीपावली आने पर शहर के नया बाजार में कुछ व्यापारी पटाखा का थोक कारोबार करते थे लेकिन कोरोना के कारण जब पटाखा कारोबार प्रभावित हुआ तो इस कारोबार से दुकानदार दूर होते गए। शहर में पटाखा का स्थायी कोई व्यापारी नहीं हैं। जेनरल स्टोर की दुकान चलाने वाले कतिपय दुकानदार इस सीजनल धंधे को करते हैं। हालांकि इस बार इसमें भी कमी आई है। शहर के सबसे पुराने और बड़े व्यापारी प्रदीप सिंह बताते हैं कि दीपावली पर अब पटाखों की बिक्री पहले जैसे नहीं होती है। महंगाई और फिजूलखर्ची के प्रति लोग सचेत हो गए हैं। इसलिए पटाखा कारोबार की रौनक समाप्त हो रही है। बच्चों और युवाओं में आतिशबाजी के प्रति थोड़ा उत्साह रह गया है।

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बच्चों के लिए बाजार में मौजूद है ग्रीन पटाखे

दीपावली में बच्चों के लिए कई प्रकार के ग्रीन पटाखे मौजूद हैं। फुलझड़ी पांच रुपये से लेकर 50 रुपये तक पैकेट, अनार 50 रुपये से 300 रुपये तक पैकेट, झिलमिल रस्सी 40 रुपये पैकेट, घिरनी 50 रुपये से 200 रुपये पैकेट बाजार में उपलब्ध है।

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