हजरत मुहम्मद ने अच्छाई की राह पर चलने का दिया संदेश
लखीसराय। मंगलवार को इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंबर हजरत मुहम्मद का जन्मदिन जिले भर में मनाया गय
लखीसराय। मंगलवार को इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंबर हजरत मुहम्मद का जन्मदिन जिले भर में मनाया गया। इस्लाम धर्मावलंबी इस दिन को मिलाद-उन-नवी एवं ईद-ए-मिलाद के त्योहार के रूप में मनाते हैं। इस दिन बिहार सरकार के सभी कार्यालय बंद रहे। पर्व को लेकर जिला प्रशासन ने मुख्यालय स्थित मस्जिदों के पास पुलिस के साथ दंडाधिकारी तैनात कर रखा था। एसडीपीओ रंजन कुमार लखीसराय में कैंप कर निकाले गए जुलूस की निगरानी खुद कर रहे थे। शहर के इंगलिश मुहल्ला स्थित इमामबाड़ा के तत्वावधान में नगर में जुलूस-ए-मुहम्मदी निकाला गया। जुलूस में काफी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। जुलूस का नेतृत्व कारवान-ए-उर्दू के जिला संयोजक पूर्व वार्ड पार्षद मु. फैयाज, मु. अलाउद्दीन, मु. असलम, अब्दुल लतीफ, मौलवी अहमद रजा, मु. जाकिर हुसैन, फिरोज, अनवर, कुर्बान अंसारी, मु. इकबाल, नौशाद अहमद सहित सैकड़ों लोग शामिल थे। जुलूस शहर के इंगलिश मुहल्ला से पुरानी बाजार मुख्य मार्ग होते हुए बड़ी दरगाह तक गया। लोग हरे कपड़े का लिशान और भारतीय तिरंगा हाथों में लेकर पैदल चल रहे थे। सभी हजरत मुहम्मद साहब को याद कर नारे लगा रहे थे। जुलूस के आगे-आगे लखीसराय थानाध्यक्ष राकेश कुमार पुलिस बल के साथ चल रहे थे। पूर्व वार्ड पार्षद मु. फैयाज ने कहा कि उर्दू की 12वीं तारीख को ही मजहब ए इस्लाम के संस्थापक हजरत मुहम्मद का जन्म हुआ था। इसी उपलक्ष्य में मिलाद-उन-नवी मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि हजरत साहब ने अच्छाई की राह पर चलने का संदेश दिया है। नौशाद अहमद ने कहा कि पैगम्बर साहेब से हमें सत्य, नैतिकता, त्याग और प्रेम की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में पैगम्बर साहेब के आदर्शों को अपनाना चाहिए। मुहम्मद साहेब ने गिरते हुए को उठाना, रोते हुए को हंसाना, टूटे हुए को जोड़ना और बिछड़े को मिलाने का संदेश दिया था। हजरत साहब के जन्म दिन को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में काफी हर्ष था। सभी नए कपड़े पहनकर मस्जिदों में विशेष नमाज अदा की। रात में इंगलिश मुहल्ला स्थित मस्जिद प्रांगण में जलसा का आयोजन किया गया। इसमें इमाम असलम अंसारी सहित अन्य धर्म गुरुओं ने हजरत साहब की जीवनी पर चर्चा की।