तेज हवा के साथ बारिश से धान के फसल को पहुंचा नुकसान

लखीसराय। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का असर लखीसराय जिले में भी देखने को मिल रहा है। इसका

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 07:18 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 07:18 PM (IST)
तेज हवा के साथ बारिश से धान के फसल को पहुंचा नुकसान
तेज हवा के साथ बारिश से धान के फसल को पहुंचा नुकसान

लखीसराय। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का असर लखीसराय जिले में भी देखने को मिल रहा है। इसका आसार पिछले तीन दिनों से दिखाई दे रहा है। आसमान में बादल छाए रहने से किसान बारिश की आशंका से सहमे हुए थे कि सोमवार दोपहर बाद से बूंदाबांदी शुरू हो गई। देर शाम होते-होते तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। कई इलाके में पूरी रात तेज हवा के साथ बारिश हुई। इससे धान की खड़ी फसल को काफी नुकसान हुआ है। तेज हवा के साथ बारिश की वजह से धान का फसल गिर गया है। ऐसे में पैदावार प्रभावित होने की आशंका से किसान काफी चितित हैं।

पीरी बाजार प्रतिनिधि के अनुसार : बारिश की वजह से रबी फसल की बोआई भी प्रभावित होगी। तिलहन की बोआई का अभी मुख्य समय है। ऐसे में बारिश हो जाने से अब बोआई देरी से होगी। वहीं निचले टाल क्षेत्र में दलहन की बोआई भी प्रभावित होने की आशंका है। ऐसे में फसल की उम्मीद संजोए किसान काफी चितित हैं। बेमौसम बारिश से धान की फसल प्रभावित होने व संभावित नुकसान को देखते हुए अभयपुर के किसान गोपाल कुमार, मौसम कुमार, राजीव कुमार, आदित्य कुमार ने सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक मदद की मांग की है।

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चानन के किसानों में मायूसी, मौसम ने की बेईमानी

संवाद सूत्र, चानन (लखीसराय) : बीते सोमवार की दोपहर बाद से रुक-रुक कर तेज हवा के साथ बारिश के कारण चानन प्रखंड के किसानों में मायूसी है। ऊंची भूमि पर धान लगाने वाले किसानों के लिए हो रही बारिश संजीवनी साबित हो सकती है लेकिन निचले इलाके वाली भूमि में धान लगाने वाले किसानों के लिए यह बारिश नुकसानदायक साबित हो रही है। अत्यधिक बारिश व तेज हवा के कारण धान की फसलें गिर गई है। खराब मौसम के कारण खेतों में अधपकी धान की बाली को काफी नुकसान पहुंचा है। शुरुआत में ही धान लगाने वाले किसानों के मंसूबे पर पानी फिर चुका है। पीड़ित किसान कृष्णदेव यादव, अनिल यादव, पंचानंद पंडित, राजकुमार यादव, पप्पू साव, केदार महतो, सिकंदर साव आदि ने बताया कि वे लोग कर्ज लेकर खेती की है। अब मौसम बेईमान हो गया है। ऐसे में लागत पूंजी निकालना भी मुश्किल है। ऐसे में मक्के की अगेती बुआई के अलावा गेहूं, तिलहन, दलहन के अलावा साग सब्जी की खेती पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसका खमियाजा आम किसानों को भुगतना पड़ सकता है।

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