समय से दलहन की बुआई नहीं होने से किसान परेशान
लखीसराय। दाल का कटोरा कहा जाने वाला बड़हिया एवं मोकामा टाल क्षेत्र इस बार भी प्रकृति की म
लखीसराय। दाल का कटोरा कहा जाने वाला बड़हिया एवं मोकामा टाल क्षेत्र इस बार भी प्रकृति की मार से कराह रहा है। टाल में जल जमाव की वजह से खेतों में समय पर बुआई नहीं होने से दलहन के उत्पाद पर असर पड़ सकता है। पूर्व में टाल क्षेत्र का हजारों बीघा खेत अगस्त माह से लेकर सितंबर तक बाढ़ के पानी से डूबा रहता था। सितंबर माह के अंत तक खेतों से पानी निकल जाता था। सही समय पर खेतों में दलहन फसल की बुआई हो जाती थी। इससे फसल की पैदावार बेहतर होती थी लेकिन इस बार हरुहर नदी का जल स्तर कम नही होने से बाढ़ एवं वर्षा का पानी खेत में जमा है। इसे निकलने में काफी विलंब हो रहा है। इस कारण दलहन फसल की बुआई में विलंब हो रही है। इसके पूर्व 2019 में भी टाल क्षेत्र में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। टाल क्षेत्र के किसान अमित कुमार, अरविद महतो, सुजीत कुमार, ललित कुमार झा, भागीरथ सिंह, संजीव महतो, भोली सिंह, कपिलदेव महतो आदि ने बताया कि दलहन फसल बुआई की समय सीमा 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक है। अक्टूबर माह समाप्ति की ओर है और अभी भी खेतों में तीन से चार फीट पानी जमा है। कब खेत से पानी निकलेगा और कब बुआई होगी पता नहीं है। जनकारी हो कि टाल क्षेत्र में खेती करने वाले सैकड़ों किसानों का सालाना आर्थिक बजट का फैसला दलहन फसल के पैदावार पर निर्भर करता है। दलहन की उपज पर ही उनके परिवार के सारे विकास कार्य होते हैं। इस बार टाल क्षेत्र में जल जमाव हो जाने के कारण किसान परेशान हैं। समय पर दलहन खेती का कोई भी उपाय उन्हें नजर नहीं आ रहा है।
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टाल क्षेत्र से पानी निकालने का हो रहा कार्य काफी धीमा
जल संसाधन विभाग पटना द्वारा टाल क्षेत्र को जल जमाव से मुक्ति दिलाने के लिए सुरजीचक एवं मुरवड़िया के समीप एक ड्रोजर मशीन से हरहर नदी के मुहाने पर जमा शिल्ट को हटाने का कार्य 12 अक्टूबर से किया जा रहा है। एक ही मशीन रहने के कारण कार्य काफी धीमा चल रहा है। इससे पानी का निकास काफी कम हो रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता सुजीत कुमार ने विभाग से इसकी शिकायत की तो रविवार को विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर सुदेश राम, सहायक अभियंता अरुण कुमार, कनीय अभियंता जितेन्द्र कुमार, शीतलचंद्र झा ने मुरवड़िया पहुंचकर निरीक्षण किया था। उन्होंने मशीन आपरेटर को सुबह आठ बजे से शाम तक डोजर मशीन चलाने का निर्देश दिया है।