मातृभाषा की उन्नति के बिना समाज का विकास संभव नहीं : डीएम

लखीसराय। जिला हिदी साहित्य सम्मेलन लखीसराय के तत्वावधान में मंगलवार को नगर के केआरके प्लस ट

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 06:10 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 06:10 PM (IST)
मातृभाषा की उन्नति के बिना समाज का विकास संभव नहीं : डीएम
मातृभाषा की उन्नति के बिना समाज का विकास संभव नहीं : डीएम

लखीसराय। जिला हिदी साहित्य सम्मेलन लखीसराय के तत्वावधान में मंगलवार को नगर के केआरके प्लस टू विद्यालय सभागार में हिदी दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। इस मौके पर हिदी एक विमर्श विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई। मुख्य अतिथि जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी अश्विनी कुमार, नगर परिषद के सभापति अरविद पासवान, लायंस क्लब के अध्यक्ष डा. प्रवीण कुमार सिन्हा, विद्यालय के प्राचार्य जिलेश्वर पंडित ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अध्यक्षता प्रोफेसर विजेंद्र प्रसाद सिंह एवं संचालन स्थानीय कवि दशरथ महतो ने किया। विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत की। शिक्षक राजेंद्र कंचन ने मंगलाचरण किया। कवि दशरथ महतो के रचित घास के फूल काव्य संग्रह पुस्तक का जिलाधिकारी एवं अन्य अतिथियों ने विमोचन किया। इस मौके पर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि मातृभाषा की उन्नति के बिना समाज का विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि संसार की उन्नत भाषाओं में हिदी सबसे अधिक व्यवस्थित भाषा है। हिदी सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि भावों की अभिव्यक्ति है। उन्होंने जिला हिदी साहित्य सम्मेलन द्वारा जिले में हिदी साहित्य को जिदा रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जमकर सराहना की। संगठन से जुड़े लोगों को इसी तरह आगे भी पूरी ऊर्जा के साथ काम करते रहने की अपील की। जिला हिदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष प्रोफेसर विजेंद्र प्रसाद सिंह ने जिलाधिकारी को संगठन की ओर से जिले में संचालित गतिविधियों की जानकारी दी। सभी आगत अतिथियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। गोष्ठी में केएसएस कालेज लखीसराय के हिदी विभागाध्यक्ष डा. बजेंद्र कुमार ब्रजेश, हिदी विभाग के सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रो. रामबहादुर सिंह, प्रो. शिवशंकर मिश्रा, आर. लाल कालेज लखीसराय के प्रो. सुधांशु कुमार, सेवानिवृत बैंक कर्मी सीताराम सिंह, जिला हिदी साहित्य सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष राजेश्वरी सिंह, सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह, रंजन कुमार सहित अन्य वक्ताओं ने अपनी-अपनी बातों को रखते हुए मातृभाषा हिदी को और भी सशक्त बनाने पर विशेष बल दिया।

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