सदर अस्पताल में आइसीयू न वेंटिलेटर, कैसे बचेगी तीसरी लहर में जान
लखीसराय। एक और जहां कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है वहीं जिला मुख्याल
लखीसराय। एक और जहां कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है वहीं जिला मुख्यालय स्थित एक सौ बेड वाले सदर अस्पताल में साधन और सुविधा का अभी भी घोर अभाव है। स्वास्थ्य विभाग फाइलों में कोरोना की तीसरी लहर से मुकाबला करने की हर तैयारी का दावा कर रहा है। हकीकत यह है कि कोरोना की दूसरी लहर में जिस समस्या से स्वास्थ्य विभाग जूझ रहा था अबतक उसे भी दुरुस्त नहीं किया गया है। पूरा सिस्टम हांफ रहा है। हाल यह कि सदर अस्पताल में न आइसीयू की व्यवस्था है, न यहां वेंटिलेटर की सुविधा है। ऐसे में गंभीर मरीजों की जान कैसे बचेगी इस पर विभाग ने अबतक कोई तैयारी नहीं की है। अस्पताल के ऊपरी तल पर बनाए गए 50 बेड का आइसोलेशन वार्ड भी व्यवस्थित नहीं है। अबतक अस्पताल में किसी भी वार्ड में पाइप लाइन से आक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था नहीं की गई है। खास बात यह है कि अप्रैल और मई महीने में जब कोरोना का कहर जिले में चरम पर था तब इन्हीं सुविधाओं के अभाव में दर्जनों कोरोना संक्रमित लोगों की मौत अस्पताल में हुई थी। विभाग के दावे और जमीनी हकीकत का सच यह है कि कोरोना की तीसरी लहर में जब लोग संक्रमण की चपेट में आएंगे तो एक बार फिर स्वास्थ्य महकमा आनन-फानन में मरीजों को रेफर करने की अपनी औपचारिकता पूरा करेगा।
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कमरे में धूल फांक रहे हैं चार वेंटिलेटर
सदर अस्पताल में गंभीर मरीजों की सुविधा के लिए लाखों रुपये खर्च कर छह वेंटिलेटर खरीदे गए। कोरोना की दूसरी लहर में जब वेंटिलेटर के अभाव में लोगों की सांसें टूटने लगी तो दो वेंटिलेटर स्थानीय एक निजी क्लीनिक को दे दिया गया ताकि गंभीर मरीजों को वहां लाभ मिल सके। सदर अस्पताल में वेंटिलेटर चलाने वाला एक भी डाक्टर एवं कर्मी नहीं था। वर्तमान में भी स्थिति वही बनी हुई है। अस्पताल के एक कमरे में चार वेंटिलेटर धूल फांक रहा है। यह अब भी अनुपयोगी रखा हुआ है। अस्पताल के प्रबंधक नंदकिशोर भारती ने बताया कि वेंटिलेटर चलाने के लिए अबतक विभाग ने कोई प्रशिक्षित कर्मी उपलब्ध नहीं कराया है। प्रबंधक ने बताया कि सदर अस्पताल में आइसीयू की भी व्यवस्था नहीं है। इसके लिए अबतक कोई पहल नहीं हुई है।
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अस्पताल में 40 बड़ा और 90 छोटा आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध
सदर अस्पताल के प्रबंधक नंद किशोर भारती ने बताया कि अस्पताल में आक्सीजन सिलेंडर की कमी नहीं है वर्तमान में 40 बड़ा और 90 छोटा सिलेंडर उपलब्ध है। मोनिटर, आक्सीमीटर भी उपलब्ध है। कोरोना की दूसरी लहर से बेहतर इंतजाम अस्पताल में किया जा रहा है। प्रबंधक ने बताया कि सदर अस्पताल में प्लंबर, बिजली मिस्त्री आदि की समस्या आज भी बनी हुई है। इस कारण काफी परेशानी होती है। अस्पताल के ऊपरी तल पर 50 बेड का आइसोलेशन वार्ड है जिसे व्यवस्थित किया जाएगा।