बीपीएससी की 64वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में आरक्षण की हुई अनदेखी

लखीसराय। जिला मुख्यालय स्थित पटेलनगर मुहल्ला में उर्मिला कुंज के सभागार में बुधवार को सामाजिक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 06:00 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 06:00 PM (IST)
बीपीएससी की 64वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में आरक्षण की हुई अनदेखी
बीपीएससी की 64वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में आरक्षण की हुई अनदेखी

लखीसराय। जिला मुख्यालय स्थित पटेलनगर मुहल्ला में उर्मिला कुंज के सभागार में बुधवार को सामाजिक न्याय मंच की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता डॉ. संजय कुमार चंद्रवंशी ने की। बैठक में उपस्थित मंच के सदस्यों ने बिहार लोक सेवा आयोग की 64 वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम घोषित करने में भारतीय संविधान द्वारा स्थापित सामाजिक न्याय की मूल अवधारणा आरक्षण की अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया है। मंच के सदस्यों ने कहा कि परीक्षा फल के परिणाम के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि परिणाम जारी करने में आरक्षण के नियमों को लागू नहीं किया गया है। इसी का नतीजा है कि सामान्य कोटा एवं आरक्षित कोटा का कट ऑफ अंक बराबर हो गया है। इस प्रकार सरकार द्वारा दलित, महादलित, पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा के संवैधानिक अधिकार का हनन किया गया है। साथ ही उक्त परीक्षा के मूल्यांकन में मानक मूल्यांकन नीति को भी नजरअंदाज किया गया है। इसको लेकर पटना उच्च न्यायालय ने भी बिहार लोक सेवा आयोग को बार-बार निर्देश जारी किया है। बैठक में उपस्थित लखीसराय विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र प्रसाद साहू ने सरकार से बिहार लोक सेवा आयोग की 64 वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम को आरक्षण के निर्धारित मापदंड एवं मानक मूल्यांकन नीति के तहत संशोधित कर घोषित करने की मांग की है। संविधान में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि मेधा सूची में उच्च अंक प्राप्त करने वाले किसी भी कोटि के अभ्यर्थी को सामान्य कोटि में ही चयनित माना जाएगा। बैठक में अजय कुमार चंद्रवंशी, प्रो. शंभू प्रसाद, नवीन कुमार, शिवेन्द्र कुमार, मु. मिर्जा शहादत आदि उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी