ग्रामीण अस्पताल का सच : तबेला बना है उप स्वास्थ्य केंद्र लहसोरबा

कोरोना की दूसरी लहर ने गांव को भी अपने जद में ले रखा है। लोग कोरोना महामारी के कहर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 08:23 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 08:23 PM (IST)
ग्रामीण अस्पताल का सच : तबेला बना है उप स्वास्थ्य केंद्र लहसोरबा
ग्रामीण अस्पताल का सच : तबेला बना है उप स्वास्थ्य केंद्र लहसोरबा

कोरोना की दूसरी लहर ने गांव को भी अपने जद में ले रखा है। लोग कोरोना महामारी के कहर से परेशान और भयभीत हैं। वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था की ऐसी तस्वीर भी सामने आई है जो लोगों को और परेशान कर रही है। गांवों की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे हैं। सुदूर ग्रामीण इलाके के लोगों को अभी मौसमी बीमारी में दवा एवं उपचार की जरूरत है वहीं महीनों से लोगों ने एएनएम को नहीं देखा है। सूर्यगढ़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत नक्सल प्रभावित लहसोरबा गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र है। बदहाली के कारण यह अस्पताल तबेला बना हुआ है। भवन जीर्णशीर्ण हो चुका है। दरवाजे-खिड़कियां टूटी हुई है। उप स्वास्थ्य केंद्र में दवा, मरहम-पट्टी की जगह पशु का चारा पुआल, भूसा आदि रखा हुआ। बरामदे पर गोयठा एवं बालू है। यह करतूत ग्रामीणों की है। उधर विभाग की बदइंतजामी यह है कि अस्पताल में चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी को बैठने के लिए टेबल-कुर्सी तक नहीं है। महीनों से लोगों ने एएनएम को नहीं देखा है।

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20 वर्ष पहले बना था अस्पताल भवन

लगभग बीस वर्ष पूर्व बंगाली बांध निवासी तुलसी कोड़ा ने अपनी दो कट्ठा जमीन स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के लिए इसलिए दिया था ताकि स्थानीय लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। लेकिन, इसके ठीक उलट यहां कर्मी स्वास्थ्यकर्मी नहीं आते हैं। इस कारण लोगों को पड़ोसी मुंगेर जिले के धरहरा स्वास्थ्य केंद्र या फिर जमालपुर या लखीसराय जाना पड़ता है।

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कहते हैं ग्रामीण

कटहरा निवासी विष्णुदेव साव, मोहन यादव, राजेन्द्र प्रसाद साव, बंगाली बांध निवासी कलेसर कोड़ा, सुरेन्द्र कोड़ा आदि ने कहा हम लोग अपनी स्वास्थ्य समस्या के लिए ग्रामीण चिकित्सक पर ही निर्भर हैं या फिर हमें लखीसराय, जमालपुर या मुंगेर जाना पड़ता है। वहीं गुलाबी देवी, करमी देवी के अनुसार यहां गर्भवती महिलाओं के साथ जच्चा-बच्चा की जांच नहीं होने से परेशानी होती है। टीका देने के लिए भी एएनएम नहीं आती है।

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फिलहाल कोरोना टीकाकरण में एएनएम उषा कुमारी को लगाया गया है। इसके पूर्व प्रत्येक मंगलवार को बैठक के दिन आती थी एवं आवश्यक दवा लेकर जाती रही है। अगर वह वहां नियमित सेवा नहीं दे रही है तो मामले की जांच की जाएगी। जबकि भवन की जर्जर स्थिति एवं फर्नीचर आदि उपलब्ध न होने को लेकर इसका अवलोकन कर समुचित व्यवस्था की जाएगी। वहीं अवैध कब्जे से भी स्वास्थ्य उप केंद्र को मुक्त कराया जाएगा।

डॉ. धीरेंद्र कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सूर्यगढ़ा

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