एसडीआरएफ भी नहीं खोज सकी रोहित और खुशी का शव
लखीसराय। जिले के पिपरिया प्रखंड अंतर्गत रामचंद्रपुर गांव के नजदीक सुमन चौक स्थित किऊल नदी में
लखीसराय। जिले के पिपरिया प्रखंड अंतर्गत रामचंद्रपुर गांव के नजदीक सुमन चौक स्थित किऊल नदी में डूबकर एक ही परिवार के तीन मासूमों की मौत हो जाने की घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। दियारा क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। राजा का शव तो बरामद हो गया लेकिन रोहित और खुशी का शव देर शाम सात बजे तक भी एसडीआरएफ की टीम नहीं खोज पाई। इसके बाद अंधेरा हो जाने के कारण ऑपरेशन बंद कर दिया गया। दो मासूम बच्चे का शव नहीं मिलने से स्वजनों का बुरा हाल है। दोनों परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
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आज दिल्ली जाने वाला था दोनों भाइयों का परिवार
रामचंद्रपुर निवासी कारू सिंह और सुबोध सिंह दोनों भाई दिल्ली से अपने घर लौटे थे। घर में सबकुछ ठीक था। दोनों भाई ने अपने परिवार के साथ दिल्ली जाने की तैयारी पूरी कर ली थी। शनिवार को ट्रेन पकड़नी थी। इससे पहले शुक्रवार की सुबह किऊल नदी में राजा, रोहित और खुशी के डूब जाने की खबर मिली तो घर में कोहराम मच गया। सारी खुशियां और अपने लाडले के सपने पल भर में गायब हो गए। नदी किनारे कारू सिंह, सुबोध सिंह, उनकी पत्नी और अन्य स्वजन घंटों रोते रहे। घटनास्थल पर मौजूद भीड़ भी इन स्वजनों के सदमे से आहत थी। मौके पर मौजूद रामचंद्रपुर पंचायत के मुखिया जयप्रकाश साव, पूर्व प्रमुख रविरंजन उर्फ टनटन, जिला परिषद अध्यक्ष रामशंकर शर्मा पीड़ित स्वजनों को ढांढ़स बंधाते रहे।
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आपदा की तैयारी की खुली पोल
किऊल नदी में तीन मासूमों की डूबकर हुई मौत की घटना ने बाढ़ पूर्व तैयारी के सारे सरकारी दावों की पोल खोल दी है। नदी में तीनों बच्चे के डूबने के बाद पिपरिया थानाध्यक्ष को छोड़कर करीब ढाई घंटे तक घटनास्थल पर कोई भी प्रशासनिक पदाधिकारी नहीं पहुेचे थे। जिलाधिकारी के काफी प्रयास करने के बाद एसडीआरएफ की टीम शाम साढ़े पांच बजे के बाद नदी में शव खोजना शुरू किया। करीब सात बजे तक दोनों बच्चे का शव नहीं मिला। उधर ग्रामीणों ने सुरजीचक पुल के पास महाजाल लगा दिया है। पिपरिया थानाध्यक्ष राजकुमार साह ने बताया कि शनिवार की सुबह फिर से शव की खोज की जाएगी।