वट सावित्री व्रत रखकर सुहागिनों ने ली जिम्मेदारी, हर तरफ होगी बरगद की हरियाली

लखीसराय। पति की लंबी आयु एवं सुख-समृद्धि की कामना को लेकर गुरुवार को सुहागन ने वट वृक्ष की

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 08:31 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 08:31 PM (IST)
वट सावित्री व्रत रखकर सुहागिनों ने ली जिम्मेदारी, हर तरफ होगी बरगद की हरियाली
वट सावित्री व्रत रखकर सुहागिनों ने ली जिम्मेदारी, हर तरफ होगी बरगद की हरियाली

लखीसराय। पति की लंबी आयु एवं सुख-समृद्धि की कामना को लेकर गुरुवार को सुहागन ने वट वृक्ष की पूजा की। बरगद पेड़ के संरक्षण के प्रति दैनिक जागरण के जागरूकता अभियान से जुड़कर सुहागन ने जिले भर में विशाल पेड़ की पूजा तो की ही नए पौधे भी लगाए। जिला मुख्यालय में कई मुहल्ले में सुहागन में गमले में बरगद का पौधा लगाकर उसकी पूजा की तथा बाद में उसे कहीं सार्वजनिक जगह पर लगाने का संकल्प लिया। शहर के पुरानी बाजार रेलवे कॉलोनी स्थित काली मंदिर वाटिका परिसर में पर्यावरण भारती के बैनर तले प्रांतीय संयोजक राम विलास शांडिल्य की देखरेख में स्थानीय निवासी पिकी कुशवाहा, पिकी पासवान और बबीता पासवान ने बरगद के पौधे को जमीन पर स्थापित कर विधि विधान के साथ पूजा की और आरती उतारी। पूजा के बाद उस बरगद के पेड़ को सुरक्षित स्थान पर जमीन खोदकर उसे लगाया। महिलाओं ने कहा कि बरगद पेड़ में भगवान शंकर वास करते हैं। इसलिए हम लोगों ने वट सावित्री पूजा के दिन बरगद का पौधा लगाकर उसकी पूजा की ताकि आने वाले समय में यह पेड़ विशाल रूप में छाया देगा और हमारा पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। उधर जिला मुख्यालय सहित जिले भर में सुबह से ही बड़ी संख्या में महिलाएं वट वृक्ष के पास पहुंचकर परंपरागत तरीके से पूजा-अर्चना की तथा दान-पुण्य किया। कोरोना का डर भुलाकर महिलाएं घरों से निकली। पूजा के दौरान वट वृक्ष के पास भीड़ लगी रही। महिलाएं बिना मास्क पहने पूजा की। इस दौरान शारीरिक दूरी का बंधन पूरी तरह टूटता नजर आया। शहर के चितरंजन रोड में पुरानी बाजार मध्य विद्यालय के आगे, जिला निबंधन कार्यालय परिसर, वार्ड नंबर 13 संतर मुहल्ला में काली मंदिर के नजदीक, प्रखंड मुख्यालय लखीसराय के नजदीक, नया बाजार में पचना रोड, कबैया रोड, मुख्य सड़क स्थित वट वृक्ष के पास काफी संख्या में महिलाएं भक्ति भाव के साथ पूजा-अर्चना की तथा ब्राह्मणों से सावित्री और सत्यवान की कथा सुनी। ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष की पूजा करने से एक साथ त्रिदेव की आराधना होती है। इसी वट वृक्ष के नीचे सती सावित्री की पति भक्ति और निष्ठा देख यमराज ने सत्यवान को पुन: जीवन दान दिया था। इसलिए महिलाएं जेठ माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन वट सावित्री का व्रत करती है। महिलाएं अपने अक्षय सौभाग्य के लिए ब्रह्मा, विष्णु, महेश को वस्त्र अर्पित कर वृक्ष पर धागा लपेटती है। इस मौके पर वट वृक्ष के समीप व पूजा स्थलों पर नव विवाहिता की संख्या अधिक देखी गई।

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