अस्तित्व की जंग लड़ रहा मानपुर का ऐतिहासिक तालाब

लखीसराय। चानन प्रखंड क्षेत्र की मलिया पंचायत अंतर्गत मानपुर गांव स्थित शिव मंदिर के निकट का ऐि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 07:37 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 07:37 PM (IST)
अस्तित्व की जंग लड़ रहा मानपुर का ऐतिहासिक तालाब
अस्तित्व की जंग लड़ रहा मानपुर का ऐतिहासिक तालाब

लखीसराय। चानन प्रखंड क्षेत्र की मलिया पंचायत अंतर्गत मानपुर गांव स्थित शिव मंदिर के निकट का ऐतिहासिक तालाब अपना अस्तित्व बचाने की जंग लड़ रहा है। इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की दिशा में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन उदासीन बना हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि 35-40 वर्ष पूर्व इस तालाब का निर्माण कराया गया था। उस समय यह तालाब आकर्षण का केंद्र बिदु था। सामाजिक सोच में आए बदलाव एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते यह ऐतिहासिक धरोहर इस स्थिति में पहुंच गया है कि कोई इसके गंदे पानी का अब स्पर्श करना भी नहीं चाहते हैं। वर्तमान में उक्त तालाब सूख कर ग्रामीण बच्चों के का खेल मैदान व घरों से निकलने वाले कूड़े के लिए कूड़ेदान बन गया है। जबकि पूर्व में इस तालाब में स्नान कर ग्रामीण भगवान शिव की आराधना करते थे। स्नान अराधना करने वाले को सारे संताप स्वत: मिट जाते थे। सवाल है कि जल संरक्षण के संवाहक श्रोतों के लिए मनरेगा मद से पंचायत के पूर्व मुखिया समिता ने वर्ष 2014 में ऐतिहासिक तालाब किनारे घाट का निर्माण कर इसे स्वच्छ करने की कवायद शुरू की थी। तालाब को संरक्षित किया गया था। उस समय तालाब में पानी भी जमा रहता था लेकिन रखरखाव व सफाई के अभाव में तालाब नरक सा बन गया है। वर्तमान में उक्त तालाब के सीढ़ी पर गोइठे बनाए जाते हैं। घरों का कूड़ा इसी ऐतिहासिक तालाब में फेंका जाता है। जबकि हर वर्ष ग्रामीणों, पंचायत प्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्यों द्वारा तालाब को संरक्षित करने एवं जर्जर संरक्षित करने की बात की जाती है लेकिन यह सभी कहने और सुनने तक ही सीमित है। जल संरक्षण के प्रति यह उदासीनता आने वाले दिनों में भयावह स्थिति की ओर ले जाएगी। तालाब का जीर्णोद्धार करके इसमें जल संरक्षित करने से भूजल स्तर ऊपर आएगा और जल संकट का समाधान हो सकेगा।

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