हर खांसी-बुखार कोरोना नहीं, डरें नहीं सिर्फ बरतें सावधानी
लखीसराय। कोरोना वायरस के बीच इन दिनों सामान्य खांसी बुखार और फ्लू के मामले भी बढ़ने लगे है
लखीसराय। कोरोना वायरस के बीच इन दिनों सामान्य खांसी, बुखार और फ्लू के मामले भी बढ़ने लगे हैं। इन बीमारियों के लक्षण आपस में कुछ हद तक मिलते-जुलते हैं। ऐसे में लोग खांसी-बुखार की शिकायत पर कोरोना संक्रमित होने की आशंका को लेकर लोग पैनिक हो रहे हैं। घर में दहशत का माहौल बन रहा है। लोग जांच कराए बगैर कोरोना में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का खुद से सेवन करने लगे हैं। मौसम में बदलाव होने की वजह से भी लोग बीमार हो रहे हैं। लोगों को अधिक पैनिक होने के बदले सावधान और सजग रहने की जरूरत है।
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कोल्ड, फ्लू और कोरोना के बीच क्या अंतर है
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार भारती ने बताया कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार दिनों दिन तेजी से बढ़ रही है। कोरोना का यह नया रूप ज्यादा संक्रामक है। सर्दी, खांसी, बुखार, बदन में दर्द, गले में खराश के कुछ ऐसे लक्षण हैं जो कॉमन कोल्ड, फ्लू और कोरोना वायरस तीनों में नजर आते हैं। यही कारण है कि बहुत से लोग यह अंतर नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें सामान्य सर्दी, जुकाम और वायरल फ्लू हुआ है या फिर कोरोना वायरस। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को संदेह हो तो तुरंत कोरोना की जांच करवाएं। ---
कोरोना का लक्षण मिलने पर जांच जरूरी
डीआइओ डॉ. अशोक कुमार भारती ने बताया कि जिन लोगों को सर्दी, जुकाम या फ्लू होता है उनमें बीमारी के लक्षण आमतौर पर एक से चार दिनों के अंदर डेवलप होने लगते हैं। वहीं कोरोना के लक्षणों को सामने आने में एक से 14 दिनों का समय लगता है। फ्लू के लक्षण अचानक से दिखने लगते हैं। उन्होंने बताया कि सिर्फ छींक आना या सिर्फ खांसी आना कोरोना वायरस का लक्षण नहीं है। अगर आपको साथ में बुखार भी हो तो तुरंत खुद को आइसोलेट करें और टेस्ट करवाएं। ठीक उसी तरह सिर्फ नाक बहना या नाक बंद होना कोरोना वायरस का संकेत नहीं है।